पोत परिवहन क्षेत्र में सुधार की धीमी गति से नाराज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारियों से अपनी सोच बदलने और विभिन्न बाधाओं एवं लालफीताशाही दूर करने को कहा।
गडकरी ने इस बात पर नाराजगी जतायी कि भारतीय नाविकों की संख्या छह लाख है जो वैश्विक परिदृश्य में बहुत कम है। मंत्री ने निजी कंपनियों को कौशल प्रशिक्षण संस्थान खोलने की अनुमति देकर भारत को नाविकों का केंद्र बनाने के लिए अधिकारियों से तत्काल सुधार की दिशा में कदम उठाने को कहा यहां राष्ट्रीय पोत परिवहन बोर्ड (एनएसबी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए गडकरी ने अधिकारियों से कहा, 'आपकी सोच में बदलाव की जरूरत है। आपने भविष्य के अनुमान के नाम पर वृद्धि को रोका है। अपने तौर-तरीके बदिलये नहीं तो मैं आपके दफतर खत्म कर दूंगा। जो लोग काम करना चाहते हैं, उन्हें करने दीजिए। उनके रास्ते में बाधा पैदा मत कीजिए।'
मंत्री ने इच्छा जतायी कि अधिकारी कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए निजी कंपनियों को मंजूरी प्रदान करे और प्रशिक्षुओं को मानदेय देने के लिए योजना तैयार करें। उन्होंने सवालिया लहजे से पूछा, 'जिस तरीके से भारत से सॉफ्टवेयर और आईटी के क्षेत्र में कंपनियां दुनिया भर में फल-फूल रही हैं, आखिर हम इसी तरह नाविकों को क्यों नहीं तैयार नहीं कर सकते और वैश्विक बाजार में अगुवा क्यों नहीं बन सकते? कुशल कार्यबल की मांग के साथ न केवल हम वैश्विक बाजार को नाविक उपलब्ध करा सकते हैं बल्कि विदेशी मुद्रा भारत ला सकते हैं और अपनी अर्थव्यवस्था की वृद्धि में मदद कर सकते हैं।'
नितिन गडकरी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय कौशल प्रशिक्षण देने पर होने वाले खर्च में 50 प्रतिशत साझा कर सकता है जो इन पाठ्यक्रम को लेने वाले उम्मीदवारों को मानदेय के तौर पर दिया जा सकता है। उन्होंने पोत परिवहन महानिदेशक से इस संदर्भ में यथाशीघ्र नीति तैयार करने को कहा और देश में निजी संस्थानों को नाविकों के प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए। हालांकि, इस मामले में निश्चित रूप से गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए।
गडकरी ने कहा, 'बाधाओं की बात मत कीजिए। इससे रोजगार प्रभावित होगा.. बाधाओं को दूर कीजिए।' उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नियुक्ति के दौरान विदेशी प्रमाणन को भी मान्यता देने की शुरुआत की जानी चाहिए, ताकि विदेशों में कौशल और शिक्षा प्राप्त नाविक भारत में आसानी से काम कर सकें और उनके काम को मान्यता मिल सके।
गडकरी ने अधिकारियों से कहा कि वह सिंगापुर, हांग कांग, मलेशिया, पनामा और लायबेरिया जैसे समुद्री क्षेत्र वाले देशों से प्रमाणन वाले नाविकों को स्वीकार करने की नीति जल्द तैयार करें।
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