जर्मनी की कार निर्माता कंपनी फोक्सवैगन द्वारा उत्सर्जन जांच को धोखा देने वाले उपकरण 1.1 करोड़ कारों में लगाने की बात स्वीकार कर लेने के बाद फोक्सवैगन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने त्यागपत्र दे दिया है। त्यागपत्र की बात समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से आई है।
वहीं, कंपनी के निदेशक मंडल के अध्यक्ष मार्टिन विंटरकोर्न ने कहा, "ग्राहकों के साथ विश्वासघात करने के लिए क्षमा कीजिए।"
समाचार पत्र गार्जियन के मुताबिक उन्होंने कहा, "हम यथासंभव विस्तार से और पारदर्शिता के साथ इसकी पूरी पृष्ठभूमि रखेंगे।"
बता दें कि फोक्सवैगन ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि विंटरकोर्न मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद से इस्तीफा देंगे और सहायक कंपनी पोर्शे के अध्यक्ष माथियस मुलर उनकी जगह लेंगे।
इससे पहले कंपनी ने कहा कि इस संकट से निपटने के लिए उसने 4.7 अरब यूरो अलग खाते में डाल दिया है। इसके बाद कंपनी के शेयर मंगलवार को 20 फीसदी और लुढ़क गए।
कंपनी के अमेरिकी कारोबार के प्रमुख माइकल हॉर्न ने सोमवार को स्वीकार किया था कि फोक्सवैगन ने नियामकों और आम लोगों के साथ बेईमानी की है।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा, "परिवहन मंत्री कंपनी के संपर्क में हैं और उम्मीद है कि सच्चाई यथाशीघ्र सामने लाई जाएगी।"
अमेरिकी नियामक ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने अपनी कारों में डिफीट डिवाइस लगाकर नियामकों को उत्सर्जन जांच में धोखा दिया है। कंपनी को इस मामले में 18 अरब डॉलर का जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा इसके अधिकारियों पर आपराधिक मामला चलाया जा सकता है।
डिफीट डिवाइस के कारण कार जांच के दौरान स्वत: उत्सर्जन स्तर घटाकर सीमा के दायरे में कर लिया करती थी। ब्रिटेन और फ्रांस ने पूरे यूरोप में कारों की जांच की मांग की है।