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वर्चुअल आईडी, यूआईडी टोकन का उपयोग आधार की तरह ही करें : UIDAI

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नियामकीय अनुपालन और पहचान सुनिश्चित करने के लिए वर्चुअल आईडी और यूआईडी टोकन को आधार की तरह ही उपयोग करने के लिए कहा है. यूआईडीएआई ही 12 अंक की आधार संख्या जारी करती है.
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NDTV Profit हिंदी10:00 AM IST, 19 Jul 2018NDTV Profit हिंदी
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भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने नियामकीय अनुपालन और पहचान सुनिश्चित करने के लिए वर्चुअल आईडी और यूआईडी टोकन को आधार की तरह ही उपयोग करने के लिए कहा है. यूआईडीएआई ही 12 अंक की आधार संख्या जारी करती है. निजता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए हाल ही में वर्चुअल आईडी और यूआईडी टोकन जैसी सेवाओं को शुरू किया गया है. दूरसंचार कंपनियां जैसी मान्यता प्राप्त इकाइयां इनका उपयोग ग्राहक की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कर सकती हैं. 

यूआईडीएआई ने स्पष्ट किया कि यह दोनों प्रणालिया ‘आधार संख्या का ही अलग प्रारूप हैं’ और ‘अनुपालन संबंधी उद्देश्यों के लिए इनका उपयोग आधार संख्या की तरह किया जा सकता है.’    

हाल में जारी एक गजटीय अधिसूचना के मुताबिक इन माध्यमों को आधार की तरह उपयोग करने की छूट देने के लिए कुछ इकाइयों को स्थानीय प्रमाणीकरण उपयोक्ता एजेंसी (लोकर ऑथेंटिकेशन यूजर एजेंसी) का दर्जा दिया गया है. यह लोग सीमित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ग्राहक को जानो (ई-केवाईसी) की प्रक्रिया पूरी करने के लिए वर्चुअल आईडी और यूआईडी टोकन का इस्तेमाल कर सकती हैं. 

उल्लेखनीय है कि यूआईडीएआई ने एक जुलाई से वर्चुअल आईडी की सुविधा शुरू की थी जिसे कोई भी आधार कार्ड धारक उसकी वेबसाइट से प्राप्त कर सकता है. यह एक 16 अंकों का अस्थायी नंबर होता है जिसका उपयोग विभिन्न जगहों पर पहचान सुनिश्चित करने के लिए किया जा सकता है. इसी प्रकार यूआईडी टोकन एजेंसियों को अपने डाटाबेस में आधार संख्या स्टोर किए बिना अपने ग्राहक की विशेष पहचान करने की सुविधा देता है.

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