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ट्रकों की हड़ताल से कपास, कपड़ा उद्योग प्रभावित

ट्रकों की राष्ट्रव्यापी बेमियादी हड़ताल गुरुवार को सातवें दिन जारी रही. इस हड़ताल से के कारण विभिन्न उपभोक्ता वस्तु समेत औद्योगिक कच्चा माल समेत तैयार सामान की आवाजाही प्रभावित हुई है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने सरकार से ट्रकों की राष्ट्रव्यापी बेमियादी हड़ताल का तत्काल समाधान करने की अपील की है.
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NDTV Profit हिंदी09:17 AM IST, 27 Jul 2018NDTV Profit हिंदी
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ट्रकों की राष्ट्रव्यापी बेमियादी हड़ताल गुरुवार को सातवें दिन जारी रही. इस हड़ताल से के कारण विभिन्न उपभोक्ता वस्तु समेत औद्योगिक कच्चा माल समेत तैयार सामान की आवाजाही प्रभावित हुई है. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने सरकार से ट्रकों की राष्ट्रव्यापी बेमियादी हड़ताल का तत्काल समाधान करने की अपील की है. सीएआई के प्रेसिडेंट अतुल गंतरा ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ट्रांसपोटरों की हड़ताल से रूई व कपास की आवक नहीं हो रही है, जिससे कारोबार ठप पड़ गया है. उन्होंने कहा कि कच्चे माल की आपूर्ति नहीं होने से मिलों बंद होने की स्थिति में आ गई है और कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है. 

गंतरा ने कहा, "सरकार को इस समस्या के समाधान के लिए तत्काल उपाय करना चाहिए. "

ट्रकों की हड़ताल के कारण कपड़ा उद्योग भी प्रभावित हुआ है. कांफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि ट्रकों की हड़ताल के कारण मिलों को कच्चा माल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. कई मिलों में काम बंद हो गया है, जिससे कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों के लिए बेकारी की समस्या पैदा हो गई है.

जैने ने कहा, "हम सरकार और हड़ताल करने वाले संगठनों से अपील करते हैं कि देश और जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए वे तत्काल समस्या का उचित समाधान करें क्योंकि इसमें विलंब होने से लोगों की समस्या और बढ़ जाएगी."

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की 20 जुलाई से जारी बेमियादी हड़ताल के कारण करीब 90 लाख ट्रक सड़कों से पर नहीं उतर रहे हैं. ट्रांसपोर्टर डीजल की मंहगाई समेत अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं.

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