भारतीय दूरसंचार कंपनियां स्पेक्ट्रम की लागत निकालने के लिए धीरे-धीरे मोबाइल दरों में इजाफा कर सकती हैं। मूडीज ने सोमवार को यह बात कही। हाल ही में संपन्न हुई स्पेक्ट्रम नीलामी में दूरसंचार ऑपरेटरों ने 1.10 लाख करोड़ रुपये की बोलियां लगाई हैं।
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा, 'यह ऊंची लागत देश के दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए क्रेडिट की नजर से नकारात्मक है। इससे उनके कर्ज और लागत बढ़ेंगे तथा भविष्य में विस्तार की क्षमता प्रभावित होगी।'
मूडीज़ ने अपने 30 मार्च के संस्करण में कहा है, 'हालांकि, हमें लगता है कि कंपनियां स्पेक्ट्रम की लागत निकालने के लिए दरों में बढ़ोतरी करेगीं, हमारा मानना है कि यह वृद्धि धीरे-धीरे होगी।'
इससे पहले दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल ही में कहा था कि एक विशेषज्ञ के विश्लेषण के अनुसार इससे दूरसंचार कंपनियों पर सालाना 5,300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और कॉल की लागत में 1.3 पैसे प्रति मिनट का इजाफा होगा।