देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का दिसंबर 2018 में समाप्त तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 24.1 प्रतिशत बढ़कर 8,105 करोड़ रुपये हो गया. इससे पिछले साल इसी तिमाही में उसका मुनाफा 6,531 करोड़ रुपये रहा था. भारतीय लेखा नियमों के मुताबिक टाटा समूह की कंपनी टीसीएस की आय तीसरी तिमाही में 20.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 37,338 करोड़ रुपये हो गई जो कि एक साल पहले की इसी तिमाही में 30,904 करोड़ रुपये थी. रुपये में उतार-चढ़ाव को यदि हटा दिया जाये तो आय में 12.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी.
टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने बयान में कहा, "दिसंबर तिमाही में 12.1 प्रतिशत की मजबूत राजस्व वृद्धि के साथ हम 2018 को विदा कर रहे हैं. यह वृद्धि पिछली 14 तिमाहियों में सबसे अधिक रही है. इस दौरान सभी प्रमुख कार्यक्षेत्रों और सभी अहम भौगोलिक क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गयी."
उन्होंने कहा कि मजबूत ग्राहक मैट्रिक्स, डिजिटल सेवाओं में वृद्धि, मजबूत ऑर्डर बुक और कतार में पड़े सौदों के चलते ग्राहकों ने टीसीएस की विभिन्न क्षमताओं को पहचाना है. राजस्व (आय) में डिजिटल सेवाओं की हिस्सेदारी 30.1 प्रतिशत रही. इसमें सालाना आधार पर 52.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी.
कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी वी रामाकृष्णन ने कहा कि विभिन्न मुद्राओं के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव और कुछ प्रमुख बाजारों में कारोबारी लागत बढ़ने के बावजूद टीसीएस का परिचालन मुनाफा बेहतर रहा. अक्टूबर-दिसंबर 2018 तिमाही के दौरान टीसीएस ने कुल 6,827 लोगों को जोड़ा और उसके कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 4,17,929 हो गयी है. कंपनी ने प्रति शेयर चार रुपये का तीसरा अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की.
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