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टाटा-मिस्त्री मामला: उच्चतम न्यायालय ने NCLAT के फैसले पर लगायी रोक

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की अपील पर सुनवाई करने को सहमत हो गयी. पीठ ने संबंधित पक्षों को इसे लेकर नोटिस जारी किया. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ टाटा संस द्वारा दायर मुख्य याचिका के साथ ही इस मामले की सुनवाई करेगा.
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NDTV Profit हिंदी03:28 PM IST, 24 Jan 2020NDTV Profit हिंदी
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उच्चतम न्यायालय ने कंपनी पंजीयक की याचिका निरस्त करने के राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी. कंपनी पंजीयक ने टाटा-मिस्त्री मामले में एनसीएलएटी के आदेश में संशोधन की याचिका दायर की थी. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की अपील पर सुनवाई करने को सहमत हो गयी. पीठ ने संबंधित पक्षों को इसे लेकर नोटिस जारी किया. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ टाटा संस द्वारा दायर मुख्य याचिका के साथ ही इस मामले की सुनवाई करेगा.

गौरतलब है कि टाटा संस (Tata Sons) और सायरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) विवाद में टाटा को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के फैसले पर रोक लगा दी थी. NCLAT ने सायरस की बहाली के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह फैसला त्रुटिपूर्ण लगता है क्योंकि किसी ने भी यह मांग नहीं की थी. 18 दिसंबर, 2018 को NCLAT ने सायरस मिस्त्री को टाटा संस के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.    


 

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