सरकार ने शुक्रवार को कच्ची और रिफाइंड चीनी दोनों पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया। सरकार के इस कदम से चीनी के दाम बढ़ सकते हैं।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कच्ची चीनी और रिफाइंड चीनी पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। चीनी का बढ़ा आयात शुल्क कच्चे चीनी का आयात करने वाले थोक ग्राहकों पर भी लागू होगा। सरकार का कहना है कि यह कदम उसने लोकहित में उठाया है।
चीनी पर आयात शुल्क बढ़ने से इसका आयात महंगा होगा, जिससे आयात में कमी आएगी। इसका कुछ असर घरेलू स्तर पर चीनी के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा, लेकिन दूसरी तरफ नकदी के संकट से जूझ रही चीनी मिलों को राहत मिलेगी।
चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 6,800 करोड़ रुपये का बकाया है। वैश्विक बाजार में चीनी के सस्ते दाम का लाभ उठाते हुए भारत से थोड़े बहुत चीनी का आयात होता रहता है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, खाद्य मंत्रालय ने आयात शुल्क बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया था, बहरहाल, वित्त मंत्रालय ने शुल्क में मामूली वृद्धि ही की। मुद्रास्फीति बढ़ने की चिंता में आयात शुल्क में हल्की वृद्धि की ताकि घरेलू चीनी मिलों को कुछ राहत मिल सके।