देश के शेयर बाजारों में लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स आलोच्य अवधि में 1.86 फीसदी या 319.25 अंकों की गिरावट के साथ 16,839.19 पर बंद हुआ। सेंसेक्स पिछले शुक्रवार को भी गिरावट के साथ 17,158.44 पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी आलोच्य अवधि में 2.02 फीसदी या 105.25 अंकों की गिरावट के साथ 5,099.85 पर बंद हुआ। इससे पिछले सप्ताह शुक्रवार को निफ्टी गिरावट के साथ 5,205.10 पर बंद हुआ था।
आलोच्य अवधि में बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी साढ़े चार फीसदी से अधिक की गिरावट हुई। मिडकैप 4.80 फीसदी या 296.60 अंकों की गिरावट के साथ 5887.50 पर बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप 4.76 फीसदी या 317.75 अंकों की गिरावट के साथ 6,357.60 पर बंद हुआ।
गत सप्ताह सेंसेक्स में तेजी में रहने वाले प्रमुख शेयरों में रहे हिंदुस्तान युनिलीवर (4.23 फीसदी), सन फार्मा (0.85 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (0.61 फीसदी), आईटीसी (0.59 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (0.24 फीसदी)।
सेंसेक्स में इस सप्ताह गिरावट में रहने वाले शेयरों में प्रमुख रहे एसबीआई (9.06 फीसदी), भेल (9.00 फीसदी), विप्रो (7.97 फीसदी), जिंदल स्टील (7.49 फीसदी) और एलएंडटी (5.04 फीसदी)।
गत सप्ताह बीएसई के 13 में से सिर्फ एक सेक्टर तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (0.82 फीसदी) में तेजी रही।
बीएसई में गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (6.67 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (6.45 फीसदी), बिजली (5.09 फीसदी), धातु (4.50 फीसदी) और सार्वजनिक कम्पनियां (4.36 फीसदी)।
हिंदुस्तान युनिलीवर ने सोमवार को कहा कि 30 जून को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ दो गुने से अधिक बढ़कर 1,331.19 करोड़ रुपये रहा। कम्पनी को पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 627.16 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। आलोच्य अवधि में कम्पनी की कुल आय बढ़कर 6,597.38 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 5,639.46 करोड़ रुपये थी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कम्पनी विप्रो लिमिटेड ने मंगलवार को मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में अपनी वैश्विक आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की मामूली आय का अनुमान जाहिर किया। कम्पनी ने बेंगलुरू में एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल फायनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड (आईएफआरएस) के तहत दूसरी तिमाही में हमारी आईटी सेवा कारोबार से 1.54 अरब डॉलर की कुल आय होने का अनुमान है। यह पहली तिमाही के 1.5 अरब डॉलर से मामूली अधिक (1.3 फीसदी) ही है।"
क्रिसिल रिसर्च ने बुधवार को जारी अपनी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में नीतिगत अवरोध के कारण देश की कम्पनियां अपने खर्च में पिछले वर्ष की तुलना में 14 फीसदी कटौती करेंगी। पिछले कारोबारी साल में भी कम्पनियों ने उससे पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसदी कम खर्च किया था। सर्वेक्षण में 200 कम्पनियों को शामिल किया गया था, जिसमें से 170 कम्पनियां निजी क्षेत्र से थीं।
निजी कम्पनियों द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक वे 35 फीसदी कम खर्च करेंगी और निजी कम्पनियों में से करीब आधी ने कहा कि वे इस वर्ष नई परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगी।