देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह यानी नए वित्तवर्ष के प्रथम सप्ताह में वाहन और सीमेंट कंपनियों पर निवेशकों की नजर रहेगी। इन क्षेत्रों की प्रमुख कंपनियां सोमवार से मार्च, 2013 के बिक्री से संबंधित आंकड़े जारी करेंगी।
अगले सप्ताह 50 शेयरों पर आधारित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के संवेदी सूचकांक निफ्टी में कुछ बदलाव होगा। 50 शेयरों की सूची में से सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो और प्रौद्योगिकी कंपनी सीमेंस को बाहर किया जाएगा। इनकी जगह निफ्टी में बैंक कंपनी इंडसइंड बैंक और धातु कारोबार से जुड़ी कंपनी एनएमडीसी को शामिल किया जाएगा। यह बदलाव सोमवार 1 अप्रैल, 2013 से लागू होगा।
निवेशक चौथी तिमाही के आंकड़ों का भी इंतजार कर सकते हैं। चौथी तिमाही के आंकड़े मध्य अप्रैल, 2013 से आने शुरू हो जाएंगे। निवेशक आंकड़ों के साथ आने वाली कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों और बाजार के विश्लेषकों के बयानों पर भी नजर टिकाए रखेंगे, जिनमें निवेश के फैसले लेने के लए महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं।
अगले कुछ सप्ताहों में शेयर की कीमतों के ऊपर की ओर बढ़ने की संभावना कम है, क्योंकि शेयर बाजार नियामक सेबी के आदेश के मुताबिक निजी और सरकारी कंपनियों को शेयरों का एक न्यूनतम अनुपात आम निवेशकों के हवाले करना है। इस प्रक्रिया में बाजार में बड़े पैमाने पर शेयरों की आपूर्ति होगी और इस कारण शेयरों की कीमत पर दबाव बना रहेगा।
सेबी के निर्देश के मुताबिक निजी कंपनियों में न्यूनतम 25 फीसदी हिस्सेदारी आम निवेशकों को सुपुर्द करने की प्रक्रिया जून महीने तक पूरी की जानी है, जबकि सरकारी कंपनियों में न्यूनतम 10 फीसदी हिस्सेदारी आम निवेशकों के हवाले करने की प्रक्रिया अगस्त महीने तक पूरी की जानी है। अगले कारोबारी साल में सार्वजनिक कंपनियों के विनिवेश का भी शेयर कीमतों पर दबाव रहेगा। सरकार ने 2013-14 में सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने और गैर सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है। इससे भी बाजार में शेयरों की आपूर्ति बढ़ेगी। हालांकि यह प्रक्रिया पूरे साल चल सकती है।
संसद के चालू बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 22 अप्रैल को शुरू होगा, जो 10 मई को समाप्त होगा। बजट सत्र में कई विधेयकों पर चर्चा होने या इनके पारित होने की संभावना है। इनमें शामिल हैं- फॉरवार्ड कंट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) संशोधन विधेयक-2010, पेंशन फंड रेगुलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी विधेयक-2011, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापना विधेयक-2011, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक-2011 और बीमा कानून (संशोधन) विधेयक-2008।
गर्मियों के मौसम की शुरुआत को देखते हुए निवेशक पंखे, कूलर और एयर कंडीशनर क्षेत्र की कंपनियों में संभावना की तलाश कर सकते हैं। इन कंपनियों से संबंधित बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सूचकांक उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु सूचकांक में आम तौर पर गर्मियों के महीनों में तेजी दर्ज की जाती है। पिछले सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी के मुकाबले उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु ने आठ गुणा बेहतर प्रदर्शन किया। सेंसेक्स और निफ्टी में जहां लगभग आधी फीसदी तेजी रही, वहीं उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु लगभग चार फीसदी चढ़ा।