ADVERTISEMENT

स्पाइसजेट का परिचालन बहाल, जेट ईंधन खरीदने के लिए किया भुगतान

नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी स्पाइसजेट की उड़ानें बहाल हो गईं। तेल विपणन कंपनियों द्वारा कंपनी के विमानों को ईंधन देने से इनकार करने के बाद से उसकी 150 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं।
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी03:09 PM IST, 18 Dec 2014NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी स्पाइसजेट की उड़ानें बहाल हो गईं। तेल विपणन कंपनियों द्वारा कंपनी के विमानों को ईंधन देने से इनकार करने के बाद से उसकी 150 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं और कम किराये वाली इस विमानन कंपनी को शाम जेट ईंधन खरीदने के लिए तीन करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा।

हवाईअड्डा सू़त्रों ने कहा, अब तक परिचालन पहले से तय समयसारणी के मुताबिक चल रहा है। सुबह 10 बजे तक दिल्ली से विमानन कंपनी के विमानों ने मुंबई, जयपुर, पोर्ट ब्लेयर, कोच्चि और वाराणसी के लिए पांच उड़ानें भरी हैं।

विमानन कंपनी को आज थोड़ी राहत मिली। स्पाइसजेट की उड़ानें करीब 10 घंटे के लिए बंद रहीं, जिसके बाद उसने तेल कंपनियों को तीन करोड़ रुपये का आंशिक भुगतान किया, जिससे आंशिक परिचालन बहाल करना संभव हुआ। कंपनी ने 243 सूचीबद्ध उड़ानों में से कल शाम 4 बजे के बाद से 75 उड़ानों के परिचालन का दावा किया है।

स्पाइसजेट के मूल प्रवर्तकों में से एक अजय सिंह ने नागर विमानन सचिव वी सोमसुंदरम से मुलाकात की, जिससे ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रवर्तक की विमानन कंपनी में फिर से निवेश की योजना है।

यह पूछने पर कि क्या वह निवेश करेंगे, सिंह ने इसका जवाब देने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि स्पाइसजेट में बहुत संभावनाएं हैं।

स्पाइसजेट की मूल कंपनी सन समूह के मुख्य वित्त अधिकारी एसएल नारायणन ने कहा, हमें थोड़ी गुंजाइश चाहिए। यदि हमें बैंकों से थोड़ा समय मिलता है और कलानिधि मारन गारंटी देने के लिए तैयार हो जाते हैं तो हम फिर से सामान्य तौर पर काम-काज कर सकते हैं। संकलन होने पर हम भुगतान करने लगेंगे।

नारायणन ने कहा कि मारन पिछले तीन साल में करीब 820 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं और जब भी विमानन कंपनी को धन की जरूरत पड़ी है, उन्होंने निवेश किया है।

नागर विमानन मंत्रालय का स्पाइसजेट को 30 दिन से अधिक की बुकिंग करने की मंजूरी नहीं देना इसके हित में नहीं रहा और इसकी दैनिक आय प्रभावित हुई। इससे मंत्रालय को अपना फैसला रोकना पड़ा।

कंपनी ने तेल कंपनियों और हवाईअड्डा परिचालकों से कहा था वे स्पाइसजेट को 15 दिन के लिए उधार की सुविधा दें ताकि विमानन कंपनी को बंद होने से बचाया जा सके।

मंत्रालय का हस्तक्षेप हालांकि इस शर्त के साथ हुआ कि संकटग्रस्त विमानन कंपनी जल्द से जल्द पूंजी डालने की प्रतिबद्धता जताएगी।

विमानन कंपनी पर कुल 2,000 करोड़ रुपये की देनदारी है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों और भारतीय विमानपतन प्राधिकार का बकाया शामिल है।

उल्लेखनीय है कि दो साल पहले एक अन्य विमानन कंपनी, किंगफिशर, का बढ़ते नुकसान कारण परिचालन रुका था, जिस पर करीब 6,000 करोड़ रुपये का बकाया था और यह कंपनी बंद हो गई।

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT