बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन नीचे रहा और यह 66 अंक टूटकर दो सप्ताह के निचले स्तर 24,900.46 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 18 अंक गिरकर 7,600 अंक के नीचे पहुंच गया।
ऑटो तथा बैंक शेयरों में हालांकि तेजी रही लेकिन दवा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट से इसका प्रभाव नहीं रहा। वायदा सौदों का निपटान करीब आने से पहले निवेशकों के सतर्क रुख के साथ बाजार में गिरावट आई। निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख जानेट येलेन के भाषण का भी इंतजार है। अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक से क्षेत्र की कुछ कंपनियों को मिली टिप्पणी के बाद औषधि क्षेत्र के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।
ल्यूपिन ने कहा कि उसे मध्य प्रदेश के मंडीदीप स्थित कारखाने में उत्पादन नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से तीन टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। इससे कंपनी का शेयर 6.0 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया और सेंसेक्स के शेयरों में इसका प्रदर्शन सबसे खराब रहा।
इसके अलावा सिप्ला का शेयर 4.0 प्रतिशत तथा डॉ रेड्डीज करीब 3.0 प्रतिशत नीचे आया। इससे बीएसई स्वास्थ्य सूचकांक 2.52 प्रतिशत नीचे आया। नाटको फार्मा को भी अमेरिकी नियामक से टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं।
कारोबार के दौरान पूरे दिन सेंसेक्स नकारात्मक दायरे में रहा और एक समय 24,835.56 अंक तक नीचे चला गया। हालांकि, बाद में यूरोप में अच्छी शुरुआत से इसमें थोड़ी तेजी आई और यह मजबूत होकर 25,079.35 अंक तक चढ़ गया, लेकिन अंत में 65.94 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,900.46 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स सोमवार को भी 371.16 अंक लुढ़का था।
एनएसई निफ्टी भी 18.10 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,597 अंक पर बंद हुआ। गुरुवार को वायदा एवं विकल्प खंड में मार्च श्रृंखला के समाप्त होने से पहले सौदों के निपटान को लेकर निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया।
जियोजीत बीएनपी परिबा ने कहा कि गुरुवार को वायदा सौदों का निपटान पूरा होने से पहले कारोबारी दायरा सीमित रहा। वैश्विक बाजारों से मिले रुख से भी बाजार पर प्रभाव पड़ा। टाटा मोटर्स सर्वाधिक लाभ में रही और यह 2.63 प्रतिशत मजबूत होकर 372.80 रुपये पर बंद हुआ। उसके बाद मारुति का स्थान रहा जो 2.61 प्रतिशत मजबूत रहा।
इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई तथा एचडीएफसी में भी तेजी आई। ऐसी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक 5 अप्रैल को 2016-17 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है। इससे बैंक शेयरों में तेजी रही। सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 नुकसान में तथा 12 लाभ में रहे। अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा मौद्रिक नीति पर येलेन के भाषण से पहले वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।
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