देश के शेयर बाजार में बुधवार को नरमी का रुख देखा गया. सुबह सेंसेक्स ओर निफ्टी लाल निशान के साथ कारोबार करते दिखे. करीब 9.20 मिनट पर सेंसेक्स 57 अंक गिरकर 35158 पर कारोबार कर रहा था जबकि निफ्टी 12 अंक गिरकर 10705 पर कारोबार कर रहा था. वहीं कुछ दी मिनटों बाद शेयर बाजार एक बार फिर हरे निशान में कारोबार करने लगे.
बता दें कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी तथा भूराजनीतिक अनिश्चितता के बीच निवेशकों की मुनाफावसूली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज नाम-मात्र की बढ़त के साथ बंद हुआ. मंगलवार को कारोबार में आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में सर्वाधिक तेजी आयी. बैंक का शेयर करीब 7 प्रतिशत मजबूत हुआ था. फंसे कर्ज में वृद्धि संपत्ति वर्गीकरण नियमों में बदलाव के कारण इस निजी क्षेत्र के बैंक का लाभ मार्च तिमाही में 45 प्रतिशत लुढ़क गया था.
कारोबारियों के अनुसार प्रबंधन की बातों को निवेशकों ने सकारात्मक तौर पर लिया. आईसीआईसीआई प्रबंधन ने कहा था कि ज्यादातर फंसे कर्ज की समस्या अब पीछे छूट गयी है और अब जोर वसूली तथा समाधान प्रक्रिया पर है.
ईरान के ऊपर फिर से पाबंदी लगाने को लेकर अनिश्चितता तथा इसके कारण आपूर्ति बाधित होने की आशंका के कारण वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल का दाम 75 डालर प्रति बैरल के आसपास रहा था. तेल कीमतों का अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड वायदा का भाव 0.85 प्रतिशत घटकर 75.52 डालर बैरल रहा था.
तीस शेयरों वाला सेंसेक्स बढ़त के साथ खुला और एक सयम 35,388.87 अंक तक चला गया था. हालांकि इस सप्ताह कर्नाटक चुनाव से पहले निवेशकों की मुनाफावसूली से लाभ में कमी आयी और एक समय यह दिन के न्यूनतम स्तर 35,136.01 तक चला गया था.
अंत में यह 8.18 अंक या 0.02 प्रतिशत की बढ़त के साथ 35,216.32 अंक पर बंद हुआ था. सोमवार को सेंसेक्स 292.76 अंक मजबूत हुआ था. नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी मात्र 2.30 अंक या 0.02 प्रतिशत की नाममात्र बढ़त के साथ 10,717.80 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 10,785.55 अंक से 10,689.40 अंक के दायरे में रहा था.
इस बीच, अस्थायी आंकड़ों के अनुसार शुद्ध आधार पर घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,037.23 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 635.24 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे थे.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘रुपये की विनिमय दर में गिरावट तथा तेल के दाम में वृद्धि से बाजार में उतार-चढ़ाव आया. इन सबसे कड़ी मौद्रिक नीति की स्थिति बन सकती है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बैंकों का प्रदर्शन बेहतर रहा. दबाव वाली संपत्ति की समय से पहले पहचान से धारणा को बल मिला. विदेशी मुद्रा निकासी जारी रहने से रुपये पर दबाव बना रहेगा जबकि जीएसटी संग्रह में वृद्धि तथा रिजर्व बैंक के खुले बाजार की क्रियाओं से उतार-चढ़ाव नरम रह सकता है.’’
सेंसेक्स में शामिल आईसीआईसीआई बैंक सर्वाधिक 6.86 प्रतिशत मजबूत हुआ. उसके बाद एसबीआई तथा एक्सिस बैंक का स्थान रहा जो क्रमश: 1.42 प्रतिशत तथा 1.18 प्रतिशत मजबूत हुए थे.
लाभ में रहने वाले अन्य प्रमुख शेयरों में पावर ग्रिड, 1.14 प्रतिशत, भारती एयरटेल 0.69 प्रतिशत, एनटीपीसी 0.47 प्रतिशत, टीसीएस 0.39 प्रतिशत, मारुति सुजुकी 0.37 प्रतिशत तथा कोल इंडिया 0.34 प्रतिशत शामिल थे.
वहीं दूसरी तरफ महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, एल एंड टी, इन्फोसिस, यस बैंक, टाटा मोर्टा, बजाज आटो, एचडीएफसी बैंक, विप्रो, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी, आरआईएल, सन फज्ञर्मा, ओएनजीसी तथा कोटक महिंद्रा बैंक में गिरावट दर्ज की गयी थी.
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग 1.36 प्रतिशत, शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.79 प्रतिशत तथा जापान का निक्केई 0.18 प्रतिशत बढ़त के साथ बंद हुआ था. यूरोप में शुरूआती कारोबार में पेरिस सीएसी 0.42 प्रतिशत तथा फ्रैंकफर्ट का डीएएक्स 0.44 प्रतिशत नीचे आया. हालांकि लंदन का एफटीएसई 0.08 प्रतिशत मजबूत हुआ था.