देश के शेयर बाजारों ने सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भी लाल निशान के साथ कारोबार की शुरुआत की. सेंसेक्स सुबह 9.23 बजे करीब 289 अंक नीचे 61509 पर कारोबार कर रहा था वहीं निफ्टी 45 अंक नीचे 18370 पर कारोबार कर रहा था. बता दें कि 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 878.88 अंक यानी 1.40 प्रतिशत का गोता लगाकर 61,799.03 अंक पर बंद हुआ था. कारोबर के दौरान, एक समय यह 962.3 अंक तक लुढ़क गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 245.40 अंक यानी 1.32 प्रतिशत टूटकर 18,414.90 अंक पर बंद हुआ था.
सेसेंक्स में जिन शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखी जा रही है वह इस प्रकार है -
LTP (₹) | Change | ||
% change | |||
NAVA | 223.55 | +22.10 | +10.97 |
UCOBANK | 37.85 | +2.30 | +6.47 |
DEEPAKFERT | 852.40 | +40.00 | +4.92 |
IOB | 36.25 | +1.50 | +4.32 |
RELINFRA | 154.15 | +5.65 | +3.80 |
वहीं सेंसेक्स में जिन शेयरों में गिरावट देखी गई वह इस प्रकार है -
घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को बड़ी गिरावट आई थी और बीएसई सेंसेक्स करीब 879 अंक लुढ़क गया था. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में वृद्धि तथा आक्रामक रुख के साथ वैश्विक बाजारों में गिरावट के बीच दोनों मानक सूचकांक नुकसान में रहे थे.
30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 878.88 अंक यानी 1.40 प्रतिशत का गोता लगाकर 61,799.03 अंक पर बंद हुआ था. कारोबर के दौरान, एक समय यह 962.3 अंक तक लुढ़क गया था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 245.40 अंक यानी 1.32 प्रतिशत टूटकर 18,414.90 अंक पर बंद हुआ था.
सेंसेक्स के शेयरों में टेक महिंद्रा, टाइटन, इन्फोसिस, एचडीएफसी, आईटीसी, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और भारतीय स्टेट बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे थे. केवल दो शेयर एनटीपीसी और सन फार्मा लाभ में रहे थे.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख ने बाजार को चौंकाया है क्योंकि निवेशक मुद्रास्फीति का आंकड़ा उम्मीद से बेहतर रहने से उदार रुख की उम्मीद कर रहे थे.''
उन्होंने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के बयान के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका से घरेलू बाजार में आईटी शेयरों में बिकवाली ने निराशा का माहौल पैदा किया. बाजार को अब बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) और यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) के फैसलों की प्रतीक्षा है. ये दोनों भी नीतिगत दर आधा प्रतिशत बढ़ा सकते हैं.''
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने उम्मीद के अनुरूप प्रमुख नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की और साथ में यह भी संकेत दिया कि महंगाई को काबू में लाने के लिये आने वाले दिनों में ब्याज दर में और वृद्धि की जा सकती है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर को बढ़ाकर 4.25-4.50 प्रतिशत कर दिया है. यह 15 साल का उच्चस्तर है.
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे.
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था. अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को नुकसान में रहे थे.
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.77 प्रतिशत घटकर 82.06 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक बुधवार को शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने 372.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.