सोमवार को देश के शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई. बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 505.13 अंकों की गिरावट के साथ 37585.51 अंक पर बंद हुआ. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक निफ्टी में भी 137.45 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और यह 11,377.75 अंक पर बंद हुआ.
सरकार के रुपये को थामने के लिये कदमों की घोषणा के बावजूद वैश्विक व्यापार युद्ध तथा रुपया संकट के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई. इससे पहले, लगातार दो सत्रों में इसमें तेजी दर्ज की गयी थी. नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 137 अंक टूटकर 11,400 अंक के नीचे पहुंच गया. कारोबारियों के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध बढ़ने की आशंका के कारण एशियाई और यूरोपीय बाजारों में नरम रुख का असर घरेलू बाजार पर पड़ा. सरकार ने चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश लगाने तथा रुपये में गिरावट को थामने के लिये पिछले शुक्रवार को कई उपायों की घोषणा की. इसमें मसाला बांड पर विदहोल्डिंग कर को हटाना, एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों) के लिये नियमों में ढील तथा गैर-जरूरी आयातों पर पाबंदी शामिल हैं.
इस बीच, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कारोबार के दौरान फिर से 72 के स्तर से नीचे 72.69 पर पहुंच गया. 30 शेयरों वाला बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स की शुरुआत कमजोर रही और चौतरफा बिकवाली से जल्दी ही 38,000 अंक के नीचे 37,548.93 अंक तक चला गया. अंत में यह 505.13 अंक या 1.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 37,585.51 अंक पर बंद हुआ. इससे पहले, पिछले दो सत्रों में इसमें 677.51 अंक की तेजी आयी थी.
एनएसई निफ्टी भी 137.45 अंक या 1.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,377.75 अंक पर बंद हुआ. वित्त क्षेत्र में एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक दोनों में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी. इस बीच, अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुक्रवार को 1,090.56 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 115.14 करोड़ रुपये की लिवाली की.