निर्यात में बड़ी गिरावट के कारण बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज 266.67 अंक लुढ़ककर 20 महीने के न्यूनतम स्तर 24,188.37 अंक पर बंद हुआ। कच्चे तेल का दाम 28 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आने के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 5.0 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया।
साथ ही कंपनियों के वित्तीय परिणाम उम्मीद से कम रहने तथा दिसंबर में व्यापार घाटा बढ़कर 11.6 अरब डॉलर होने से भी बाजार की धारणा और प्रभावित हुई जो पहले से रुपये की विनिमय दर में गिरावट तथा चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता से प्रभावित है। एक वर्ष पूर्व इसी महीने में व्यापार घाटा 9.1 अरब डॉलर था।
निर्यात में लगातार 13वें महीने गिरावट आयी और वस्तु निर्यात दिसंबर में 14.75 प्रतिशत घटकर 22.2 अरब डॉलर पर आ गया। इसका मुख्य कारण पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में तीव्र गिरावट है।
इस बीच, तेल का भाव 27.67 अरब डॉलर पर आ गया है जो 2003 के बाद न्यूनतम है। ईरान पर प्रतिबंध हटने और उसे कच्चे तेल का निर्यात की छूट मिलने के बाद यह गिरावट आयी है।
30 शेयरों वाला सेंसेक्स कमजोर होकर 24,400.78 अंक पर खुला लेकिन तुंरत दिन के उच्च स्तर 24,524.85 अंक तक चला गया। हालांकि बाद में इसमें गिरावट आयी और यह न्यूनतम स्तर 24,141.99 अंक तक चला गया। पर अंत में यह 266.67 अंक या 1.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,188.37 अंक पर बंद हुआ। 16 मई 2014 के बाद यह न्यूनतम स्तर है। उस समय सूचकांक 24,121.74 अंक पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी दबाव में रहा और 86.80 अंक या 1.17 प्रतिशत लुढ़ककर 7,351 पर बंद हुआ। एक समय यह 7,336.40 अंक तक चला गया था।
सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक गिरावट आरआईएल में दर्ज की गयी। कंपनी का शेयर 5.14 प्रतिशत नीचे आया। कंपनी का तिमाही नतीजा मंगलवार को आने वाला है, उससे पहले यह गिरावट दर्ज की गयी। उसके बाद बजाज ऑटो का स्थान रहा जिसमें 3.67 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसके अलावा, एशियन पेंट्स, सिप्ला, कोल इंडिया, ओएनजीसी, एल एंड टी, डॉ. रेड्डीज, एसबीआई, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, मारति सुजुकी, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा एनटीपीसी में गिरावट दर्ज की गयी।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 19 नुकसान में रहे।
वहीं दूसरी तरफ भेल (4.29 प्रतिशत), टाटा स्टील (2.76 प्रतिशत), टीसीएस, एचयूएल, हीरो मोटो कॉर्प, गेल, अदाणी पोर्ट्स, आईटीसी तथा विप्रो में तेजी रही।
वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में गिरावट दर्ज की गयी। हालांकि चीन के बाजार में तेजी रही। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में गिरावट का रुख रहा।