वर्ष 2015 के आखिरी दिन बाजार मजबूती के साथ बंद हुआ और बंबई शेयर बाजार का सूचकांक करीब 158 अंक की बढ़त के साथ 26,117.54 अंक पर बंद हुआ। जमीन जायदाद तथा आईटी शेयरों की अगुवाई में यह तेजी आयी।
हालांकि, अगर 2014 अंत से तुलना की जाए तो सेंसेक्स में 5.0 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी। वर्ष 2011 के बाद यह पहला मौका है जब सालाना आधार पर सेंसेक्स नीचे आया है।
कारोबारियों के अनुसार दिसंबर वायदा एवं विकल्प के समाप्त होने के मद्देनजर सौदे को पूरा करने के लिये की गयी लिवाली से बाजार में तेजी आयी।
जनवरी श्रृंखला के लिये सौदे को आगे ले जाने तथा नये वर्ष में बेहतर रिटर्न की उम्मीद में कई प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली से भी बाजार में मजबूती आयी।
तीस शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूती के साथ 25,980.86 अंक पर खुला और अंत में 157.51 अंक या 0.61 प्रतिशत की तेजी के साथ 26,117.54 पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 50.10 अंक या 0.63 प्रतिशत मजबूत होकर 7,946.35 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 7,955.55 तथा 7,891.15 अंक के दायरे में रहा।
सेंसेक्स में 2015 में 1,381.88 अंक या 5.02 प्रतिशत की गिरावट आयी। इससे पूर्व वर्ष 2014 में इसमें करीब 30 प्रतिशत की तेजी आयी थी। इससे पहले, वर्ष 2011 में सेंसेक्स में 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी। सूचकांक 2015 में 26,117.54 अंक पर बंद हुआ जबकि रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में कटौती से मार्च में यह अब तक की रिकॉर्ड ऊंचाई 30,024.74 अंक तक चला गया था।
गुरुवार की तेजी में एचडीएफसी अगुवा रहा। कंपनी का शेयर 2.39 प्रतिशत की तेजी आयी। उसके बाद क्रमश: गेल (2.18 प्रतिशत), कोल इंडिया (2.06 प्रतिशत) तथा भारती एयरटेल (2.0 प्रतिशत) तेजी आयी। एचडीएफसी बैंक, आरआईएल, मारति सुजुकी, टीसीएस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील तथा आईटीसी में भी तेजी आयी।
वहीं दूसरी तरफ हीरो मोटो कॉर्प, एल एंड टी, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, डॉ. रेड्डीज, टाटा मोटर्स तथा सिप्ला में गिरावट दर्ज की गयी।
साल के दौरान निफ्टी 336.35 अंक या 4.06 प्रतिशत नीचे आया। इसमें भी 2011 के बाद पहली बार सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की गयी है। 50 शेयरों वाला सूचकांक चार मार्च को 9,119.20 के रिकॉर्ड ऊंचाई पर चला गया था और आठ सितंबर को न्यूनतम 7,539.50 अंक पर पहुंच गया।
वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख रहा और शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में गिरावट देखी गयी।