बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स गुरुवार को 81 अंक से अधिक की गिरावट के साथ 24,772.97 अंक पर बंद हुआ। इन्फोसिस का तीसरी तिमाही का परिणाम उम्मीद से बेहतर रहने के बावजूद डॉलर के मुकाबले रुपये में जोरदार गिरावट से बाजार धारणा प्रभावित हुई। डॉलर के मुकाबले रुपया 44 पैसे टूटकर 67.29 पर आ गया। सितंबर 2013 के बाद यह स्तर नहीं देखा गया था।
इन्फोसिस के बेहतर नतीजे का भी बाजार पर असर नहीं पड़ा। कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ दिसंबर तिमाही में बढ़कर 3,465 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 3,250 करोड़ रुपये था। कंपनी का शेयर 4.28 प्रतिशत मजबूत हुआ।
इस बीच, दिसंबर में मुख्य रूप से सब्जियों के दाम में तेजी से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति थोड़ी मजबूत होकर शून्य से नीचे 0.73 प्रतिशत रही।
वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में कमजोर रुख से तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स करीब 300 अंक कमजोर खुला और एक समय 24,473.22 अंक तक पहुंच गया। लेकिन चुनिंदा लिवाली से यह एक समय 25,018.46 अंक तक चला गया। हालांकि अंत में यह 81.14 अंक या 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,772.97 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में बुधवार को 172.08 अंक की तेजी आयी थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 25.60 अंक या 0.34 प्रतिशत गिरकर 7,536.80 अंक पर बंद हुआ।
हेम सिक्योरिटीज के निदेशक गौरव जैन ने कहा, ‘गिरावट से उबरने के बाद बाजार में तेजी आयी लेकिन थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति का आंकड़ा आने के बाद इस पर प्रभाव पड़ा। कमजोर वैश्विक संकेतों से भी धारणा प्रभावित हुई।’ टाटा स्टील का शेयर 3.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 238.70 अंक पर बंद हुआ। कमजोर परिचालन प्रदर्शन के कारण वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स द्वारा कंपनी की रेटिंग कम किये जाने का असर उसके शेयर पर पड़ा।
इसके अलावा एक्सिस बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक तथा एचडीएफसी बैंक में भी 3.90 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। इससे बीएसई बैंकिंग सूचकांक 1.67 प्रतिशत नीचे आया।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 21 नुकसान में रहे। जिन प्रमुख शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उसमें टाटा मोटर्स (2.63 प्रतिशत), एसबीआई (2.56 प्रतिशत), एलएंडटी (1.98 प्रतिशत), गेल (1.62 प्रतिशत), हीरो मोटो कॉर्प (1.52 प्रतिशत), आरआईएल (1.50 प्रतिशत) तथा आईसीआईसीआई बैंक (1.47 प्रतिशत) शामिल हैं।
वहीं ल्युपिन (3.02 प्रतिशत), एशियन पेंट्स (2.39 प्रतिशत), सिप्ला (0.84 प्रतिशत), डॉ. रेड्डीज (0.84 प्रतिशत) तथा ओएनजीसी (0.83 प्रतिशत) में तेजी रही।
वैश्विक स्तर पर अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट के बाद एशिया के अन्य बाजारों में गिरावट का रुख रहा। हांगकांग, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया तथा ताइवान जैसे प्रमुख बाजारों में गिरावट रही। वहीं शंघाई कंपोजिट सूचकांक 1.97 प्रतिशत मजबूत हुआ।
शुरुआती कारोबार में यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी गिरावट दर्ज की गयी।