शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला आज लगातार छठे दिन जारी रहा. सेंसेक्स 385 अंक टूटकर छह महीने के निचले स्तर 25,765.14 अंक पर आ गया. विदेशी कोषों की सतत निकासी तथा नोटबंदी के आर्थिक प्रभाव को लेकर अनिश्चितता से बाजार में गिरावट आई.
इसके अलावा कारोबार के दौरान रुपया भी छह महीने के निचले स्तर 68.27 रपये प्रति डालर पर चल रहा था. दिसंबर में अमेरिका में ब्याज दर बढ़ोतरी की आशंका से भी निवेशकों ने सतर्कता का रुख अपनाया. सरकार के बड़े नोटों को बंद करने के कदम से ऐसी आशंका है कि जीडीपी की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के 7.6 प्रतिशत से नीचे आ जाएगी. इसके अलावा चालू तिमाही में कंपनियों की आमदनी भी प्रभावित हो सकती है. इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद अमेरिकी प्रतिभूतियों से प्राप्तियां बढ़ रही हैं जिससे उभरते बाजारों से कोष की निकासी बढ़ेगी. इससे भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई.
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूती के रख के साथ खुलने के बाद अंत में 385.10 अंक या 1.47 प्रतिशत के नुकसान से 25,765.14 अंक पर बंद हुआ. यह 24 मई के बाद इसका निचला स्तर है.
कारोबार के दौरान सेंसेक्स 26,270.28 से 25,717.93 अंक के दायरे में घूमा. पिछले छह सत्रों में सेंसेक्स 1,752.54 अंक टूट चुका है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 145 अंक या 1.80 प्रतिशत के नुकसान से 8,000 अंक से नीचे 7,929.10 अंक पर आ गया. निफ्टी का भी यह 24 मई के बाद निचला स्तर है. कारोबार के दौरान यह 8,102.45 से 7,916.40 अंक के दायरे में रहा.