नई डेरिवेटिव्स श्रृंखला के पहले दिन सोमवार को शेयर बाजारों में कमजोरी का रुख दिखाई दिया. बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 80 अंक के नुकसान से 28,813 अंक पर बंद हुआ. सात सत्रों में पहली बार सेंसेक्स में नुकसान दर्ज हुआ है. बैंकिंग, वाहन, बिजली, सार्वजनिक उपक्रम, पूंजीगत सामान, प्रौद्योगिकी और धातु वर्ग के शेयरों में गिरावट आई. नेशनल स्टॉक एक्सचेज का निफ्टी भी टूटकर 8,900 अंक से नीचे आ गया. डीलरों ने कहा कि डेरिवेटिव खंड में मार्च के वायदा एवं विकल्प श्रृंखला की शुरुआत के बीच बाजार में बिकवाली का सिलसिला चला.
हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 4.74 प्रतिशत चढ़कर 1,238.60 रुपये पर पहुंच गया. पिछले सप्ताह रिलायंस जियो ने कहा था कि वह अप्रैल से डेटा के लिए शुल्क लेना शुरू करेगी. निवेशकों की निगाह इस सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संसद में संबोधन पर लगी है.
30 शेयरों वाला सेंसेक्स मजबूत खुला था, लेकिन नीचे आने के बाद यह लगातार दबाव में बना रहा. एक समय यह 28,791.19 अंक के निचले स्तर तक आया. अंत में सेंसेक्स 80.09 अंक या 0.28 प्रतिशत के नुकसान से 28,812.88 अंक पर आ गया. इससे पिछले छह सत्रों में सेंसेक्स 737.41 अंक चढ़ा था.
निफ्टी भी 42.80 अंक या 0.48 प्रतिशत के नुकसान से 8,896.70 अंक पर आ गया. दिन में यह 8,951.80 से 8,888.65 अंक के बीच रहा. एक्सिस बैंक के शेयर में सबसे अधिक 3.56 प्रतिशत का नुकसान रहा. पावरग्रिड में 3.14 प्रतिशत और भारती एयरटेल में 2.83 प्रतिशत का नुकसान रहा. अन्य कंपनियों में आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 1.97 प्रतिशत टूटा. जबकि मारुति सुजुकी में 1.38 प्रतिशत, एलएंडटी में 1.20 प्रतिशत, डॉ रेड्डीज लैब में 1.12 प्रतिशत तथा टाटा मोटर्स में 1.02 प्रतिशत का नुकसान रहा.
हिंदुस्तान यूनिलीवर, विप्रो, ल्यूपिन, कोल इंडिया, इंफोसिस और टीसीएस के शेयर लाभ में रहे. सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 नुकसान में रहे, जबकि सात में लाभ रहा. स्मॉल कैप में 0.16 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही, जबकि मिडकैप में 0.01 प्रतिशत का लाभ रहा. अस्थायी आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुद्ध रूप से 392.33 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.
बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के वरिष्ठ कोष प्रबंधक इक्विटीज कार्तिकराज लक्ष्मणन ने कहा कि निवेशकों को इस सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के संबोधन का इंतजार है, जिसमें वह करों में कटौती तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर सरकारी खर्च बढ़ाने की योजना पेश का खाका पेश कर सकते हैं. (इनपुट भाषा से)