बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुक्रवार को 317.93 अंक लुढ़ककर फिर से 19 महीने के न्यूनतम स्तर 24,455.04 अंक पर बंद हुआ। कुछ प्रमुख कंपनियों के वित्तीय नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने तथा तेल का भाव 30 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जाने से घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे सप्ताह नीचे आया।
चौतरफा बिकवाली से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 7,500 के स्तर से नीचे पहुंच गया।
सप्ताह के दौरान बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी क्रमश: 479.29 अंक या 1.92 प्रतिशत तथा 163.55 अंक या 2.15 प्रतिशत नीचे आये। पिछले सप्ताह प्रदर्शन ज्यादा खराब था और सेंसेक्स तथा निफ्टी दोनों क्रमश: 4.68 प्रतिशत तथा 4.54 प्रतिशत नीचे आये थे।
पूरे कारोबार के दौरान अधिकतर समय सेंसेक्स नकारात्मक दायरे में रहा लेकिन बाद में वैश्विक बाजारों में गिरावट तथा कच्चे तेल के दाम 30 डॉलर से नीचे आने के साथ बिकवाली में तेजी आयी।
साथ ही कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 29 महीने के न्यूनतम स्तर 67.70 पर चला गया। इससे भी धारणा प्रभावित हुई।
बीएसई सेंसेक्स तेजी के साथ खुला और अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी के बाद एक समय प्रमुख शेयरों में लिवाली से 24,912.64 पर पहुंच गया।
हालांकि बाद में बिकवाली दबाव बढ़ा और सेंसेक्स 24,421.53 के न्यूनतम स्तर तक चला गया और अंत में 317.93 अंक या 1.28 प्रतिशत लुढ़ककर 24,455.04 पर बंद हंआ। 30 मई, 2014 के बाद यह इसका न्यूनतम स्तर है। सेंसेक्स में गुरुवार को 81.14 अंक की गिरावट दर्ज की गयी थी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 99 अंक या 1.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,437.80 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 7,427.30 अंक तक चला गया था। नुकसान मुख्य रूप से रीयल्टी, बिजली, बैंक, सार्वजनिक उपक्रम, बुनियादी ढांचा, पूंजीगत वस्तु तथा धातु शेयरों में हुए।
हिंदुस्तान यूनिलीवर का मुनाफा दिसंबर तिमाही में 22 प्रतिशत घटकर 971.40 करोड़ रुपये रहने की खबर से कंपनी का शेयर 2.70 प्रतिशत नीचे आया।
सेंसेक्स के शेयरों में गेल सबसे अधिक 6.01 प्रतिशत नीचे आया। वहीं एसबीआई 5.64 प्रतिशत लुढ़क गया।
वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य प्रमुख बाजारों में कमजोर रुख रहा। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में भी नरमी देखी गयी।