ADVERTISEMENT

SC ने सुरक्षित रखा रिलायंस के 4जी का लाइसेंस रद्द करने की मांग पर फैसला

रिलायंस को 4जी का लाइसेंस देने में अनियमितता बरतने के आरोप लगाते हुए लाइसेंस रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।
NDTV Profit हिंदीReported by Ashish Bhargava
NDTV Profit हिंदी12:21 PM IST, 13 Jan 2016NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

रिलायंस को 4जी का लाइसेंस देने में अनियमितता बरतने के आरोप लगाते हुए लाइसेंस रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा। याचिका में कहा गया है कि रिलायंस को सिर्फ डाटा सर्विस के लिए लाइसेंस दिया गया था, लेकिन बाद में 40 हजार करोड़ रुपये की फीस की बजाए 16 सौ करोड़ रुपये में ही वायस सर्विस का लाइसेंस दे दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर चाहते हैं कि ऐसा मैकेनिज्म होना चाहिए, जिससे ये पता चल सके कि जनहित याचिका हकीकत में जनहित के लिए ही दाखिल की गई हैं। उनका कोई व्यावसायिक हित नहीं है। एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के सवाल उठाए हैं।

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने सीपीआईएल के वकील प्रशांत भूषण से पूछा-
 

  • सीपीआईएल का सिद्धांत क्या है, आप क्या सिर्फ जनहित याचिका ही दाखिल करते हैं?
  • आपके पास कैसे शिकायत आती है, उसकी जांच पड़ताल किस तरीके से होती है?
  • आपको पहले सुप्रीम कोर्ट को संतुष्ट करना होगा कि आप बिजनेस में विरोधियों के कहने पर जनहित याचिका दायर नहीं करते।
  • कहीं ऐसा तो नहीं कि याचिका के लिए आपको कोई फाइनेंस करता हो?
  • अभी तक आपके पास ऐसा मैकेनिज्म नहीं है, जिससे ये वेरीफाई हो सके कि याचिका सही मकसद से दायर की गई है।
  • आपको याचिका दाखिल करने से पहले एक जांच और रिसर्च विंग बनाना चाहिए।
  • हमें आपकी निष्ठा पर संदेह नहीं, लेकिन सही जनहित याचिका के लिए कोई न कोई तरीका होना चाहिए।
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT