प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसाफ्ट के प्रमुख सत्य नाडेला इस ‘भ्रांति’ में विश्वास नहीं रखते कि रोबोट एक दिन मानव श्रमिकों की जगह ले लेंगे. उनका मानना है कि कृत्रिम मेधा (एआई) से समस्याएं खड़ी करने के बजाय समस्याएं सुलझाने में अधिक योगदान करेगी.
भारतीय मूल के नाडेला के अनुसार अगर नैतिकपूर्ण ढंग से अपनाया जाए तो प्रौद्योगिकी का मानव जीवन पर असर सकारात्मक ही होगा.
नाडेला ने अखबार ‘संडे टेलीग्राफ’ को एक साक्षात्कार में यह उम्मीद जाहिर की. ‘रोबोट बनाम मानव श्रम’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा , ‘मेरा उस श्रम भ्रांति में विश्वास नहीं , हमें उन रोजगारों की कोई जानकारी नहीं है जो वहां होंगे.’
उन्होंने कहा कि अगर मनुष्यों की जगह रोबोट लेते हैं तो सार्वभौम मूल आय जैसी प्रणाली की जरूरत पड़ सकती है लेकिन मनुष्यों को हमेशा रोजगार की जरूरत रहेगी.
‘श्रम की गरिमा’ की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमें एक प्रोत्साह प्रणाली की जरूरत है.
उन्होंने कहा,‘मेरी राय में हमें 2018 में नैतिकता पर अधिक संवाद / चर्चा करनी होगी, सिद्धांत जो हम एआई बना रहे अभियंताओं व कंपनियों के लिए इस्तेमाल कर सकें ताकि हमारे इच्छाओं वाली प्रणालियों में कोई पूर्वाग्रह नहीं हो ... यह चीज है जिस पर हमें काम करना चाहिए. ’