दुनियाभर से शेयर बाजारों में गिरावट के साथ ही सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया दो साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था। इसके ठीक एक दिन बाद ही मंगलवार को रुपया 0.81 फीसदी यानी 54 पैसे चढ़कर 66.10 पर बंद हुआ।
दिन में कारोबार के दौरान रुपया 1.1 फीसदी यानी 77 पैसे तक चढ़ा और 65.87 तक पहुंचा, यह रुपये में पिछले दो साल के दौरान सबसे बड़ी बढ़त थी। व्यापारियों के अनुसार रुपये में हुए इस तीव्र बदलाव के पीछे चीन में हुई हलचल है। चीन के केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को ब्याज दरों में कटौती की है।
चीन में दूसरे दिन भी गिरावट, केंद्रीय बैंक ने दरों में कटौती की
चीन के शेयर बाजार में मंगलवार को दूसरे दिन भी गिरावट जारी रही। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में लगातार नरमी के बीच यह गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट को थामने के लिए केंद्रीय बैंक को आरक्षित अनुपात तथा नीतिगत दर में कटौती करनी पड़ी है। चीन में इस गिरावट का भारत और अन्य देशों पर भी प्रभाव पड़ा है।
मानक शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 7.63 प्रतिशत गिरकर 2,964.97 अंक पर पहुंच गया। सोमवार को इसमें 8.49 प्रतिशत की गिरावट आयी थी जो फरवरी 2007 के बाद सबसे बड़ी गिरावट थी। शेनझेन कंपोनेन्ट सूचकांक भी 7.04 प्रतिशत गिरकर 10,197.94 अंक पर बंद हुआ।
करीब 2,000 शेयर 10 प्रतिशत की दैनिक सीमा तक नीचे आए। इसमें सिनोपेक तथा पेट्रोचाइना जैसी दो बड़ी कंपनियों के शेयर भी शामिल हैं। ये शेयर ऐसे थे जो संकट के समय बाजार को स्थिरता प्रदान करते थे। देश के शेयर बाजार में गिरावट के बाद चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) ने बैंकों के आरक्षित अनुपात तथा नीतिगत ब्याज दरों में कमी करने की घोषणा की है।
पीबीओसी ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय बैंक वित्तीय संस्थानों के लिये छह सितंबर से आरक्षित अनुपात में 0.5 प्रतिशत की कटौती करेगा। इसके अलावा मानक दरों में भी कमी की जाएगी। बुधवार से एक साल के कर्ज तथा जमाओं पर ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। इससे जहां कर्ज पर ब्याज दर 4.6 प्रतिशत होगी वहीं जमा पर ब्याज दर 1.75 प्रतिशत होगी।
चीन की सरकार द्वारा निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने और बाजार में स्थिरता लाने के प्रयासस्वरूप पेंशन कोषों को शेयर बाजार में निवेश की अनुमति दिए जाने के बावजूद बाजारों में गिरावट आई है।
जानकारों के अनुसार बैंक की ताजा कार्रवाई से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और दुनियाभर के बाजारों में गिरावट का दौर थामने का काम करने के साथ ही रुपये को भी मजबूत करेगा।
अवैध बैंकों के खिलाफ चीन ने शुरू किया अभियान
चीन की पुलिस ने वित्तीय और पूंजी बाजार में व्यवस्था बनाए रखने के लिए अवैध बैंकों के खिलाफ देशभर में अभियान शुरू किया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। सार्वजनिक सुरक्षा उपमंत्री मेंग किंगफेंग ने पुलिस से अवैध बैंकों से देश की आर्थिक सुरक्षा और वित्तीय बाजार की व्यवस्था को होने वाले नुकसान को समझने का आग्रह किया है।
सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय (एमपीएस), केंद्रीय बैंक और विदेशी मुद्रा प्रशासन ने विदेशी कंपनियों और अवैध बैंकों के जरिए अवैध धन के हस्तांतरण पर रोक लगाने के लिए अप्रैल में इसी तरह का एक अभियान शुरू किया था।
मेंग ने कहा कि इस अभियान में कुल 430 अरब युआन (67.2 अरब डॉलर) से अधिक के कई बड़े मामले उजागर हुए थे। मेंग के मुताबिक, भूमिगत बैंक अभी भी समस्या बनी हुई है और अवैध संपत्तियों के हस्तांतरण के लिए अन्य अपराध पैदा करते हैं। इनसे वित्तीय और पूंजी बाजार भी प्रभावित हुआ है।
मेंग ने इस अभियान में देशभर की पुलिस से केंद्रीय बैंक और विदेशी मुद्रा नियामक के साथ बेहतर तरीके से समन्वय बनाने का आग्रह किया है। अभियान नवंबर के अंत तक चलाया जाएगा।