Rupee Dollar Rate : डॉलर के मुकाबले रुपया तेजी से कमजोर होकर 80 के मनोवैज्ञानिक स्तर के करीब पहुंच गया है और 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर जाकर बंद हुआ. उधर अमेरिकी मुद्रा वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच लगभग दो दशक के उच्च स्तर पर पहुंच गई. ब्लूमबर्ग ने ग्रीनबैक के मुकाबले रुपये को 79.57 पर उद्धृत किया, जबकि पीटीआई ने बताया कि अमेरिकी मुद्रा आखिरी बार 79.58 रूपया प्रति डॉलर पर सौदा कर रही थी. इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज में, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.55 पर खुला और 79.58 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद के मुकाबले 13 पैसे की गिरावट के साथ बंद हुआ. विश्लेषकों का कहना है कि कच्चे तेल में तो नरमी दिखाई दे रही है, लेकिन डॉलर इंडेक्स में मजबूती के कारण रुपया लगातार नीचे आ रहा है. डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं में भी ऐसी ही कमजोरी दिखाई दे रही है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 15 पैसे टूटकर 79.60 (अस्थायी) पर बंद हुआ है. बीएसई सेंसेक्स 508.62 अंक लुढ़क कर 53,886.61 और एनएसई निफ्टी 157.70 अंक की गिरावट के साथ 16,058.30 अंक पर बंद.
शुरुआती कारोबार में, स्थानीय मुद्रा में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.55 का उच्च और 79.62 का निचला स्तर देखा गया. 79.62 प्रति डॉलर की दर एक और इंट्रा-डे सर्वकालिक निचला स्तर है.
सोमवार को निपटान के बाद रूपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे गिरकर 79.45 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था.
80 प्रति डॉलर के एक प्रमुख मनोवैज्ञानिक स्तर से अब कुछ ही दूर पर रूपया है. "हम बहुत जल्द USD/INR पर 80 के स्तर को देख सकते हैं. इसे गिरने से रोकने वाला एकमात्र बल आरबीआई है. लेकिन अधिकांश दूसरी एशियाई मुद्रा जिस तरह गिर रही हैं उससे हम यही कह सकते हैं कि हम भी वहां जल्द से जल्द पहुंच सकते हैं," निजी बैंक के एक वरिष्ठ व्यापारी ने रॉयटर्स को बताया.
रॉयटर्स के अनुसार, व्यापारियों को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सरकारी बैंकों के माध्यम से डॉलर की बिक्री करेगा ताकि हाल के महीनों में गिरावट आ रही है उसे रोका जा सके. एशियाई मुद्राएं डॉलर के मुकाबले कमजोर कारोबार कर रही हैं.
रॉयटर्स ने बताया कि निवेशकों का ध्यान मैक्रो डेटा पर होगा जिसके तहत इस सप्ताह भारत की खुदरा मुद्रास्फीति के साथ-साथ बुधवार को संयुक्त राज्य अमेरिका से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आने की उम्मीद है.