देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी के साथ बढ़ने का असर विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार पर भी दिखाई दिया. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 100 पैसे की जबर्दस्त गिरावट के बाद 76.20 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट के चलते डालर की मांग तेजी से बढ़ी. इसका असर रुपये की विनिमय दर पर पड़ा. कोरोबार वायरस का प्रभाव बढ़ने से शेयर बाजारों में अप्रत्याशित गिरावट आई है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के चलते डॉलर मांग का जोर बढ़ रहा है. विदेशी मुद्रा डीलरों का मानना है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या तेजी से बढ़ने का अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. अब तक ऐसे मामलों की संख्या 400 से ऊपर निकल चुकी है.
बाजार में कारोबार की शुरुआत में रुपया 75.90 रुपये प्रति डालर के स्तर पर पहुंच गया. दिन के उतार चढाव के बाद यह कारोबार की समाप्ति के समय 100 पैसे की भारी गिरावट के साथ 76.20 रुपये प्रति डालर पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान रुपये ने 76.30 रुपये प्रति डालर का सबसे निचला और 75.86 रुपये प्रति डालर का दिन का ऊपरी स्तर छुआ. जिसके बाद अंत में यह 76.20 रुपये प्रति डालर के स्तर पर बंद हुआ. पिछले सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 75.20 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई थी.
देश दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी के साथ फैलने के बाद से आर्थिक गतिविधियों को गहरा झटका लगा है. विदेशी निवेशक शेयरों में भारी बिकवाली कर रहे हैं और डॉलर ले रहे हैं. उन्होंने करीब 11 अरब डॉलर की बिकवाली की है. इस संक्रमण से निपटने के उपायों के तहत लोगों को एक स्थान पर एकत्रित होने से रोका जा रहा है. इसकी वजह से उद्योग धंधों को बंद रखा जा रहा है. यही वजह है कि शेयर बाजार के साथ ही रुपये की विनिमय दर में भी गिरावट आ रही है.