फल, चीनी, चॉकलेट और मिठाई जैसी खाने-पीने की चीजें महंगी होने से खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर 3.65 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो चार महीने का उच्च स्तर है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति नकदी संकट के चलते इस साल जनवरी में 3.17 प्रतिशत दर्ज की गई, जो कई साल का निम्न स्तर रहा. एक साल पहले फरवरी में यह 5.26 प्रतिशत पर थी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीपीआई) के आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक फरवरी में 2.01 प्रतिशत बढ़ी, जो जनवरी में 0.61 प्रतिशत थी. फरवरी 2016 में यह 5.3 प्रतिशत थी.
फलों की महंगाई दर फरवरी में 8.33 प्रतिशत, ईंधन एवं प्रकाश खंड में मुद्रास्फीति 3.9 प्रतिशत रही. मांस एवं मछली की मूल्य वृद्धि 3.5 प्रतिशत रही. चीनी तथा केक, मिठाई जैसे कन्फेक्शनरी उत्पादों की कीमतों में फरवरी में 18.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि दूध एवं दूध से बने उत्पादों की महंगाई दर 4.22 प्रतिशत रही.
घरेलू वस्तुओं एवं सेवाओं की महंगाई दर आलोच्य महीने में 4.09 प्रतिशत रही, जबकि स्वास्थ्य खंड में यह 4 प्रतिशत थी. परिवहन एवं संचार 5.39 प्रतिशत महंगे हुए. कपड़ा एवं जूते-चप्पल खंड में महंगाई दर आलोच्य महीने में 4.38 प्रतिशत रही जबकि आवास खंड में यह 4.9 प्रतिशत थी. हालांकि, सब्जी एवं दाल के मामले में महंगाई दर में क्रमश: 8.29 प्रतिशत और 9.02 प्रतिशत की गिरावट आई. ग्रामीण खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में 3.67 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने में 3.36 प्रतिशत थी. शहरी क्षेत्रों में सीपीआई बढ़कर 3.55 प्रतिशत पर पहुंच गई जो जनवरी में 2.9 प्रतिशत थी.
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