लगातार छठे महीने तेजी के रुख के साथ जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 3.18 प्रतिशत रही. इसकी अहम वजह खाद्यान्न, दाल और मांस एवं मछली जैसे प्रोटीन समृद्ध खाद्य वस्तुओं का दामों में बढ़ोतरी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जून 2018 में 4.92 प्रतिशत थी. जबकि इससे पिछले माह मई महीने में यह 3.05 प्रतिशत थी. खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जनवरी से बढ़ रही है. जनवरी में यह 1.97 प्रतिशत पर थी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित आंकड़ों के अनुसार खाद्य मुद्रास्फीति जून 2019 में 2.17 प्रतिशत रही जो इससे मई में 1.83 प्रतिशत थी. अंडा, मांस और मछली जैसे प्रोटीन समृद्ध खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जून में 9.01 प्रतिशत रही जबकि मई में यह 8.12 प्रतिशत थी.
हालांकि फलों के मामले में मुद्रास्फीति की वृद्धि धीमी रही. यह जून में शून्य से 4.18 प्रतिशत नीचे रही जबकि सब्जियों की महंगाई दर नरम पड़कर 4.66 प्रतिशत रही. दाल एवं उत्पाद श्रेणी में मुद्रास्फीति की दर में काफी तेजी देखी गयी. मई में यह 2.13 प्रतिशत थी जबकि जून में यह 5.68 प्रतिशत तक पहुंच गई. वहीं मोटे अनाज एवं अन्य उत्पाद श्रेणी में जून की महंगाई दर 1.31 प्रतिशत रही जो मई में 1.21 प्रतिशत थी.
ईंधन एवं ऊर्जा श्रेणी में जून की महंगाई दर 2.32 प्रतिशत रही. इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मानसून और खरीफ की बुवाई में देरी के बावजूद खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े हमारे अनुमान के अनुरूप हैं. भारतीय रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है.