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रिलायंस इंडस्ट्रीज का चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ 37 प्रतिशत घटा, कंपनी की तरफ से सबसे बड़े राइट इश्यू की हुई घोषणा

कंपनी के उपभोक्ता केन्द्रित अन्य कारोबार में हुआ लाभ उसके पेट्रोरसायन कारोबार में आई गिरावट की भरपाई नहीं कर पाया, जिससे इसके शुद्ध लाभ में गिरावट आई है. कंपनी का कहना है कि एकबारगी खर्च की वजह से भी उसका मुनाफा घटा है.
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NDTV Profit हिंदी11:31 PM IST, 30 Apr 2020NDTV Profit हिंदी
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तेल से लेकर दूरसंचार तक विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाले देश के प्रमख उद्योग समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज के पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के शुद्ध लाभ में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई है. हालांकि, इसके साथ ही कंपनी ने देश के सबसे बड़े राइट्स इश्यू की घोषणा की है और कहा है कि सऊदी अरामको के साथ सौदा सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. साथ ही कई रणनीतिक निवेशकों ने कंपनी के डिजिटल प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है.वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 37 प्रतिशत घटकर 6,546 करोड़ रुपये पर आ गया. यह पिछले तीन साल का निचला स्तर है.

कंपनी के उपभोक्ता केन्द्रित अन्य कारोबार में हुआ लाभ उसके पेट्रोरसायन कारोबार में आई गिरावट की भरपाई नहीं कर पाया, जिससे इसके शुद्ध लाभ में गिरावट आई है. कंपनी का कहना है कि एकबारगी खर्च की वजह से भी उसका मुनाफा घटा है. कंपनी के निदेशक मंडल ने 53,125 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू को भी मंजूरी दी है. कंपनी का दावा है कि यह देश का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू होगा. इसका मूल्य 1,257 रुपये प्रति शेयर और इश्यू के लिये 1:15 का अनुपात होगा. 
पिछले सप्ताह फेसबुक ने रिलायंस की डिजिटल इकाई जियो प्लेटफार्म में 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश करने की घोषणा की है.

इस निवेश के बूते कंपनी को उम्मीद है कि वह जून से पहले 1.04 लाख करोड़ रुपये का कोष जुटा पाएगी. इस राशि में फेसबुक द्वारा जियो की 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने और राइट्स इश्यू से मिलने वाली राशि के अलावा कंपनी को ब्रिटेन की बीपी पीएलसी को अपने ईंधन खुदरा कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से मिली 7,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने चौथी तिमाही के नतीजे जारी करते हुए कहा कि आगामी महीनों में उसे और कंपनियों से निवेश मिलेगा. हालांकि, उसने इन कंपनियों का नाम नहीं बताया है. 


कंपनी ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने समूह में से 75 अरब डॉलर के तेल से रसायन कारोबार को अलग-अलग करने की अनुमति दे दी है. हालांकि, इसके लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की अनुमति लेनी होगी. इससे कंपनी इस इकाई में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सऊदी अरब की राष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनी सऊदी अरामको को बेच पाएगी. 
अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी ने पिछले साल अगस्त में इस सौदे की घोषणा की थी. इस सौदे का मकसद मार्च, 2021 तक कंपनी के कर्ज को पूरी तरह समाप्त करना है. यह सौदा मार्च, 2020 में पूरा होना था. 


कंपनी ने कहा कि चौथी तिमाही में उसे 4,267 करोड़ रुपये कुछ अतिरिक्त खर्च करने पड़े जिससे उसके मुनाफे में और कमी आई. तिमाही के दौरान कंपनी की आय 2.5 प्रतिशत घटकर 1,51,209 करोड़ रुपये पर आ गई. यदि इस अपवाद वाले खर्च को हटा दिया जाए, तो तिमाही के दौरान कंपनी का मुनाफा 3.7 प्रतिशत बढ़कर 10,813 करोड़ रुपये बैठता. 
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, ‘‘आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि वैश्विक स्तर पर फैली कोविड-19 महामारी के बीच कंपनी ने बीते वित्त वर्ष 2019-20 में एक बार फिर से बेहतर नतीजा दिया है.'' अंबानी ने कहा कि हमारे तेल से रसायन कारोबार में अपने एकीकृत पोर्टफोलियो के जरिये लगातार अच्छी कमाई की है. उपभोक्तओं से सीधे जुड़े खुदरा और दूरसंचार कारोबार ने बाजार में अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत किया है. 


 

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