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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को रेगुलेट करने की हो रही मांग, भारत सरकार की राय आप भी जानें...

दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सतर्कता बरतने की आवाज उठने लगी हैं. कुछ दिन पहले दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क ने भी कई प्रोफेसरों के साथ-साथ अन्य कई बड़ी हस्तियों की एक अपील पर दस्तखत कर यह कहा कि फिलहाल अगले छह महीनों के लिए आर्टिफशियल इंटेलिजेंस की प्रगति पर काम रोक देना चाहिए. इन लोगों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रगति कुछ इस हद तक होती जा रही है कि यह मानवता के साथ साथ इंसान के लिए कहीं एक चुनौती न बन जाए. माना जा रहा है कि इसकी प्रगति इस तरह से आगे बढ़ती जा रही है कि कहीं ये आने वाले समय में लोगों के सामने कोई बड़ी मुसीबत न बन जाए.
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NDTV Profit हिंदी03:22 PM IST, 07 Apr 2023NDTV Profit हिंदी
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दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सतर्कता बरतने की आवाज उठने लगी हैं. कुछ दिन पहले दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क ने भी कई प्रोफेसरों के साथ-साथ अन्य कई बड़ी हस्तियों की एक अपील पर दस्तखत कर यह कहा कि फिलहाल अगले छह महीनों के लिए आर्टिफशियल इंटेलिजेंस की प्रगति पर काम रोक देना चाहिए. इन लोगों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रगति कुछ इस हद तक होती जा रही है कि यह मानवता के साथ साथ इंसान के लिए कहीं एक चुनौती न बन जाए. माना जा रहा है कि इसकी प्रगति इस तरह से आगे बढ़ती जा रही है कि कहीं ये आने वाले समय में लोगों के सामने कोई बड़ी मुसीबत न बन जाए. 

अब जब दुनिया में ऐसी मांग उठ रही है तब क्या भारत इस बारे में कुछ कर रहा है. भारत की क्या स्थिति है. भारत सरकार इस बारे में क्या सोच रही है. संसद में इस मुद्दे पर सवाल किया गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विनियमित करने हेतु क्या कदम उठाए गए  हैं.

यह सवाल सांसद श्याम सिंह यादव ने पूछा. उन्होंने पूछा कि  

क्या इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि
(क) क्या सरकार देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास को विनियमित (रेगुलेट) करने के लिए कदम उठा रही है; (ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; 
(ग) क्‍या सरकार का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संबंध में कोई कानून लाने का विचार है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और 
(घ) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अवसंरचना, विशेषज्ञता, कौशल और अनुसंधान के विकास के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं? 


यादव के सवाल के जवाब में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विनियमित करने हेतु उठाए गए के संबंध में दिनांक 5.04.2023 को लोक सभा में पूछे गए सवाल का जवाब इस प्रकार है. 

(क) से (ग) : एआई डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का गतिज प्रवर्तक (मुख्य आधार) है. सरकार डिजिटल पब्लिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से व्यक्तिगत और इंटरैक्टिव नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए एआई की क्षमता का उपयोग कर रही है. हालांकि, निर्णय लेने में पक्षपात और भेदभाव जैसे मुद्दे गोपनीयता का उल्लंघन, एआई प्रणालियों में पारदर्शिता का अभाव और इससे होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी के बारे में प्रश्न जैसे मुद्दों के कारण एआई में नैतिक चिंताएं और जोखिम रहे हैं. ...
इन विषयों पर जून, 2018 में जारी एआई (एनएसएआई) के लिए राष्ट्रीय नीति में प्रकाश डाला गया. एआई से जुड़ी नैतिक चिंताओं और संभावित जोखिमों को दूर करने के लिए विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार के विभागों और एजेंसियों ने जिम्मेदार एआई विकास के मानकीकरण, उपयोग और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने को बढ़ावा देने के प्रयास शुरू किए हैं. इसके अतिरिक्त, नीति आयोग ने सभी के लिए उत्तरदायी एआई विषय पर दस्तावेजों की एक श्रृंखला प्रकाशित की है. हालांकि, सरकार देश में कृत्रिम बुद्धि के विकास के लिए कोई कानून लाने या विनियमित करने पर विचार नहीं कर रही है.' 

(घ): भारत सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को देश और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक क्षेत्र के रूप में देखती है. इसके अलावा, यह मानती है कि एआई का उद्यमिता और व्यापार के विकास के लिए गतिज प्रभाव (गति देनेवाला) होगा और सरकार देश में एक मजबूत एआई क्षेत्र विकसित करने के लिए नीतियों और बुनियादी ढांचे में सभी आवश्यक कदम उठा रही है. 

ब्यौरा नीचे दिए अनुसार है:


1 सरकार ने जून, 2018 में कृत्रिम बुद्धि के लिए राष्ट्रीय नीति प्रकाशित की है और कृत्रिम बुद्धि अनुसंधान और अपनाए जाने के लिए एक पारिप्रणाली अर्थात सबके लिए #एआई विकसित करने का प्रस्ताव है.

2.भारत को एआई अंतरिक्ष में विश्व में अग्रणी बनाने की दृष्टि से और सभी के लिए एआई का जिम्मेदार और परिवर्तनकारी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए एमईआईटीवाई ने "कृत्रिम बुद्धि पर राष्ट्रीय कार्यक्रम" का कार्यान्वयन शुरू किया है. कार्यक्रम का उद्देश्य सामाजिक प्रभाव के लिए समावेशन, नवाचार और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम स्थापित करना है. 

3. एमईआईटीवाई ने इन विशिष्ट क्षेत्रों में अवसरों का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित विभिन्न उभरती प्रौद्योगिकियों में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए हैं. ये केंद्र प्रीमियम प्लग-एंड-प्ले को-वर्किंग स्पेस और इकोसिस्टम तक पहुंच सहित स्टार्ट-अप प्रदान करते हैं. 

4. एमईआईटीवाई ने "नेशनल एआई पोर्टल" (indiaai.gov.in) लॉन्च किया है जो देश में आर्टिफिशियल इंदेलिजेंस (एआई) पहल के व्यापक भंडार के रूप में कार्य करता है. यह पोर्टल शैक्षणिक अनुसंधान, स्टार्टअप, नीतिगत पहल और अन्य संबंधित जानकारी सहित भारत में एआई पहलों के बारे में जानकारी मांगने वाले व्यक्तियों, शोधकर्ताओं और औद्योगिक के पेशेवरों के लिए संदर्भ के एकल बिंदु के रूप में कार्य करता है. 

5. भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ग्लोबल पार्टनरशिप (जीपीएआई) का एक संस्थापक सदस्य है, जो 15 जून, 2020 को बहु-हितधारक पहल में शामिल हो गया है. भारत ने पहली वरीयता के दोतिहाई से अधिक वोट जीते हैं और इसे नवंबर 2022 में जीपीएआई की परिषद अध्यक्षता की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जीपीएआई मानवाधिकारों, समावेशन, विविधता, नवाचार और आर्थिक विकास पर आधारित एआई के जिम्मेदार विकास और उपयोग का मार्गदर्शन करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय और बहु-हितधारक पहल है.

6. अनुसंधान: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग अनुसंधान एवं विकास, मानव संसाधन विकास (एचआरडी), प्रौद्योगिकी विकास, उद्यमिता विकास, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आदि को बढ़ावा देने के लिए अंतरविषयी साइबर-भौतिक प्रणालियों (एनएम-आईसीपीएस) पर राष्ट्रीय मिशन को कार्यान्वित कर रहा है. इस मिशन के भाग के रूप में उन्नत प्रौद्योगिकियों में 25 प्रौद्योगिकी नवाचार हब (टीआईएच) देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों में स्थापित किए गए हैं. आईआईटी खड़गपुर, आईआईआईटी हैदराबाद और आईआईटी बीएचयू में टीआईएच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस की दिशा में काम कर रहे हैं.

विशेषज्ञता और कौशल: 

1. एमईआईटीवाई ने 10 नई/उभरती हुई प्रौद्योगिकियों में नियोजन के लिए आईटी जनशक्ति के पुनः कौशल/अप-कौशल के लिए 'फ्यूचर स्किल्स प्राइम' कार्यक्रम शुरू किया है. इनमें एआई, ब्लॉकचेन, रोबोटिक्स, बिग डेटा और एनालिटिक्स, आईओटी, वर्चुअल रियलिटी, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग, 3डी प्रिंटिंग और वेब 3.0 शामिल हैं. 2. सरकार ने एआई और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों सहित इलेक्ट्रॉनिकी प्रणाली डिजाइन एवं विनिर्माण (ई(एसडीएम) और आईटी/आईटी सक्षम सेवा (आईटी/आईटीईएस) क्षेत्रों में पीएचडी की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से 'विश्वेश्वरैया पीएचडी योजना' शुरू की है.
 3. सरकार ने 30 जुलाई, 2022 को युवाओं के लिए जिम्मेदार एआई 2022 लॉन्च की है. इस कार्यक्रम को अखिल भारतीय आधार पर सरकारी स्कूलों के छात्रों तक पहुंचाने और उन्हें समावेशी तरीके से कुशल कार्यबल का हिस्सा बनाने का अवसर प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था. कार्यक्रम ने 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 52,628 छात्रों को प्रभावित किया, आवश्यक एआई कौशल सेट के साथ युवाओं को सशक्त बनाया, जिनकी नवीनतम प्रौद्योगिकयों और संसाधनों तक सीमित या कोई पहुंच नहीं थी.
 4. राष्ट्रीय ई-गवर्नेस डिवीजन (एनईजीडी), एमईआईटीवाई ने अपने भागीदारों के सहयोग से, 'वाईयूवीएआई: एआई सहित उन्नति एवं विकास के लिए युवा' लॉन्च किया है - स्कूली छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम, जिसका उद्देश्य समावेशी तरीके से एआई तकनीक और सामाजिक कौशल के साथ कक्षा 8वीं से 12वीं तक के स्कूली छात्रों को सक्षम बनाना है. कार्यक्रम युवाओं को 8 विषयगत क्षेत्रों कृषि, आरोग्य, शिक्षा, पर्यावरण, परिवहन, ग्रामीण विकास, स्मार्ट शहरों और विधि और न्याय में एआई कौशल सीखने और लागू करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा.

आधारभूत संरचना: 

1. सी-डैक के साथ में एमईआईटीवाई ने एआई अनुसंधान और ज्ञान समावेशन के लिए एक सामान्य कंप्यूट प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए एआईआरएडब्ल्यूएटी (एआई रिसर्च, एनालिटिक्स एंड नॉलेज डिसेमिनेशन प्लेटफॉर्म) पर एक प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट (पीओसी) परियोजना भी शुरू की है. इस एआई कम्प्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल सभी टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब, रिसर्च लैब्स, साइंटिफिक कम्युनिटीज, इंडस्ट्री और स्टार्ट-अप संस्थानों द्वारा नेशनल नॉलेज नेटवर्क के साथ किया जाएगा. एआईआरएडब्लयूएटी के लिए पीओसी को 200 पेटाफ्लॉप्स मिक्स प्रिसिजन एआई मशीन के साथ विकसित किया गया है, जो एक एआई एक्साफ्लाप की चरम गणना के लिए स्केलेबल होगा.

2. एनआईसी ने एआई में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया है जो मेघराज क्लाउड पर दिल्ली में 7 एआई पीफ्लॉप्स सुपर कंप्यूटर सुविधा और कोलकाता में 5 एआई पीफ्लॉप के माध्यम से एक सेवा के रूप में एआई को सुकर (सहायता facilitate ) कर रहा है. 

डाटा प्रबंधन: 

1. डाटा किसी भी एआई आधारित प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण इनपुट है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक ओपन गवर्नमेंट डाटा प्लेटफॉर्म (ओजीडी) विकसित किया है. वर्तमान में, विभिन्न केंद्रीय और राज्य विभागों के 601,059 डाटा संसाधन ओजीडी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं. 

2. एमईआईटीवाई ने ड्राफ्ट नेशनल डाटा गवर्नेंस पॉलिसी का सार्वजनिक परामर्श पूरा कर लिया है. यह नीति उभरती हुई प्रौद्योगिकीय आवश्यकताओं के अनुरूप डाटा की पहुंच, गुणवत्ता और उपयोग को बढ़ाने का प्रयास करती है. नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नवायार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सरकारी और निजी दोनों संस्थाओं के मैरड्यक्तिजत और अज्ञात डेटासेट स्टार्ट-अप और शिक्षाविदों को सुरक्षित रूप से सुलभ हों. यह डाटा एक्सेस और उपयोग को नियंत्रित करने, अंतर-सरकारी डेटा एक्सेस को सुव्यवस्यिव करने, डाटा की गुणवत्ता और मेटाडेटा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने और गुमनाम दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक संस्थागत ढांचा प्रदान करता है.

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