प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि रिजर्व बैंक ने हाल ही में रुपये में गिरावट थामने के जो कदम उठाए हैं, उनसे लंबे समय के कर्ज पर ब्याज नहीं बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ने सट्टेबाजी के कारण रुपये पर दबाव को कम करने के लिए ये कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, एक बार अल्पकालिक दबाव काबू में आ जाए, और मुझे उम्मीद है इन पर काबू कर लिया जाएगा, रिजर्व बैंक अपने कदम वापस लेने पर विचार करेगा।
मनमोहन आज यहां वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम की 92वीं सालाना आम बैठक का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने ये कदम बाजार धारणा को शांत करने के लिए उठाए हैं। शुरुआत में बाजार में डॉलर जारी किए, उसके बाद अल्पकालिक उधार पर ब्याज दरों में वृद्धि की। इन कदमों को दीघकालिक ब्याज दरों में वृद्धि के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
रिजर्व बैंक ने रुपये की मजबूती के लिए इस सप्ताह बैंकों की फौरी तौर पर ली जानी वाली उधार पर ब्याज दर में 2 प्रतिशत वृद्धि कर उसे 10.25 प्रतिशत कर दिया। दूसरी तरफ बाजार से नकदी सोखने के लिए 12,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि हाल ही में डॉलर के मुकाबले रुपया एक समय 61.21 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया था।
मनमोहन ने डॉलर-रुपया विनिमय दर में भारी उतार-चढ़ाव के लिए वैश्विक बाजारों की उठापटक को बड़ी वजह बताया। अमेरिकी आर्थिक प्रोत्साहनों के तहत बॉन्ड खरीद कार्यक्रम को समाप्त किए जाने की आशंका में उभरते बाजारों से विदेशी पूंजी की निकासी तेज होने से ब्राजील, तुर्की और दक्षिण अफ्रीका जैसे कई उभरते बाजारों की मुद्रा का अवमूल्यन हुआ है।
इस साल अब तक रुपया 7 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है। आज शुरआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 59.84 रुपये रही।