भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को संकेत दिया कि मौद्रिक बाजार में स्थिरता कायम करने के लिए वह नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही की मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा मंगलवार को करेगा।
मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा से पहले जारी दस्तावेज में बैंक ने कहा कि प्राथमिकता मौद्रिक बाजार में स्थिरता लाने की रहेगी ताकि आर्थिक स्थिति विकास के लिए सहायक बनी रहे।
आरबीआई ने 'मैक्रोइकॉनॉमिक एंड मोनेटरी डेवलपमेंट्स फर्स्ट क्वोर्टर रिव्यू 2013-14' दस्तावेज में कहा है, "हाल में मुद्रा अवमूल्यन और ईंधन महंगाई से थोक और उपभोक्ता महंगाई बढ़ने का जोखिम पैदा हुआ है।"
आरबीआई ने कहा कि हाल में तरलता घटाने के उपाय करने से मौद्रिक बाजार में कुछ सुविधाजनक स्थिति पैदा हुई। इसमें कहा गया, "यदि चालू खाता घाटा को कम करने और बचत तथा निवेश बढ़ाने के लिए ढांचागत सुधार किए जाएं तो इन कदमों का फायदा मिलेगा।"
केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सुबह कहा था कि विकास में तेजी लाना आरबीआई की प्राथमिकता सूची में होना चाहिए। मंत्री ने अहमदाबाद में एक समाचार पत्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, "आरबीआई का फैसला रुपये की स्थिरता नहीं होनी चाहिए। आरबीआई का फैसला एक बड़े उद्देश्य को पूरा करने वाला होना चाहिए, जिसमें रुपये की स्थिरता, विकास, रोजगार में वृद्धि शामिल हो।"
विश्लेषकों का भी मानना है कि आरबीआई यथास्थिति के रास्ते पर चल सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा, "व्यापक रूप से माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक नीति के मोर्चे पर यथास्थिति बरकरार रखेगा।" किदवई ने हालांकि कहा कि रिजर्व बैंक को विकास के मुद्दे और खासकर औद्योगिक विकास के मुद्दे को ध्यान में रखना चाहिए।
किदवई ने कहा, "हमें यह देखने की जरूरत है कि औद्योगिक विकास काफी प्रभावित हुआ है। हाल में जारी आईआईपी के आंकड़े के मुताबिक मई में 1.6 फीसदी औद्योगिक गिरावट रही है। यह काफी निराशाजनक है।" उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हाल में कई घोषणाएं करने के बावजूद निवेशकों में अविश्वास पैदा हो रहा है।
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा कि मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए यथास्थिति का फैसला भी एक बड़ा फैसला होगा। कपूर यस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।
कपूर ने पिछले सप्ताह संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, "मौद्रिक नीति में दरों में कटौती असंभव लगती है। यथास्थिति ही बड़ा फैसला होगा।" रिजर्व बैंक ने 17 जून को आखिरी बार घोषित नीति समीक्षा दरों में बदलाव नहीं किया था। रेपो दर अभी 7.25 फीसदी और रिवर्स रेपो दर 6.25 फीसदी है तथा नकद आरक्षित अनुपात चार फीसदी है।