रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को कहा कि बैंकों के पास कर्ज पर ब्याज दरों में अभी और कमी करने की गुंजाइश मौजूद है, क्योंकि रिजर्व बैंक जनवरी, 2015 के बाद से अब तक नीतिगत दरों में 1.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है. पटेल ने मौद्रिक समीक्षा के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'कर्ज की ब्याज दरों में कमी की अभी भी गुंजाइश है, क्योंकि हमारी नीतिगत दरों में पिछले कुछ समय में 175 आधार अंक की कमी आई है, जबकि इसके मुकाबले बैंकों के ऋण दरों में औसतन 0.85 से 0.90 प्रतिशत कमी आई है. मुझे लगता है कि इसमें और कटौती की गुंजाइश है.'
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की छठी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया और उसे 6.25 प्रतिशत पर बनाए रखा है. उसने लंबे समय से रखे गए नीति के 'उदार' रुख को भी बदलकर 'तटस्थ' कर दिया. यह लगातार दूसरी मौद्रिक समीक्षा है जब रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया. मुद्रास्फीति के रुख और नोटबंदी के प्रभाव को लेकर चीजों के और अधिक स्पष्ट होने की प्रतीक्षा में उसने ऐसा किया है.
नोटबंदी के बाद बैंकों ने अपनी सीमांत लागत आधारित ब्याज दरों में काफी कटौती की है. बैंकों में यह व्यवस्था पिछले साल अप्रैल में शुरू की गई थी, तब तक रिजर्व बैंक नीतिगत दर में 1.25 प्रतिशत की कटौती कर चुका था, लेकिन बैंकों ने ब्याज दरों में उल्लेखनीय कटौती नहीं की थी.
रिजर्व बैंक जनवरी 2015 के बाद से छह बार में नीतिगत दर में 1.75 प्रतिशत अंक की कटौती कर चुका है. इससे पहले उसने अक्टूबर, 2016 में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी.