रेलवे ने अगले पांच साल में कोयला ढुलाई के जरिये दो अरब टन की मालढुलाई का लक्ष्य रखा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. इससे भारतीय रेल भी चीन, रूस और अमेरिकी रेलवे के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो जाएगी.
अभी रेलवे की कोयला ढुलाई 55.5 करोड़ टन है जो पिछले साल की तुलना में 2.2 करोड़ टन अधिक है. रेलवे को कोयला ढुलाई के बल पर ही 2023-24 तक दो अरब टन का ढुलाई का लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है.
अधिकारी ने कहा कि भारत कोयला ढुलाई 2020-22 के दौरान 150 करोड़ टन रहने का अनुमान है. अगले दो तीन साल में कोयला ढुलाई मौजूदा 55.5 करोड़ टन से 80 करोड़ टन पर पहुंच जाने की उम्मीद है. इसके बाद इसके 100 करोड़ टन पर पहुंचने की संभावना है.
रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने कहा कि इस्पात क्षेत्र काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसके लिए हमें लौह अयस्क की ढुलाई करनी होती है. कंटेनर ट्रैफिक भी तेजी से बढ़ रहा है.
जमशेद ने कहा कि रेलवे अन्य जिंस क्षेत्रों में विविधीकरण करेगी. ऐसे जिंस जिनकी ढुलाई 10 लाख टन से कम है उनके लिए रेलवे रियायतें देने पर विचार कर रही है.