भारतीय रेलवे मालगाड़ियों के आवागमन की भी समय सारिणी बनाएगी, ताकि आपूर्ति में सुधार करते हुए ढुलाई के लिए अधिक से अधिक माल आकर्षित किया जा सके। रेलवे पहली बार इस तरह की समय सारिणी बनाने जा रही है।
मौजूदा व्यवस्था के तहत देश भर में व्यस्त रेललाइनों पर मालगाड़ियों के बजाय यात्री रेलगाड़ियों को वरीयता दी जाती है। यही कारण है कि सामान की आपूर्ति को लेकर अनिश्चिता बनी रहती है और इसमें देरी भी होती है।
डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन (डीएफसीसी) के प्रबंध निदेशक आदेश शर्मा ने कहा कि रेल लाइनों पर भीड़-भाड़ के कारण मालगाड़ियों को लूप लाइनों पर रखा जाता है, ताकि यात्री गाड़ियों को रास्ता दिया जा सके।
उल्लेखनीय है कि डीएफसीसी एक विशेष कंपनी है, जिसकी स्थापना देश में माल परिवहन के समर्पित गलियारों के निर्माण, रख-रखाव और परिचालन के लिए की गई। डीएफसीसी इस समय विशेष तौर पर माल के परिवहन के लिए दो कॉरिडोर - वेस्टर्न डीएफसी व ईस्टर्न डीएफसी बना रही है।
शर्मा ने कहा, जब ये दो गलियारे पूरे हो जाएंगे, तो हम माल परिवहन को सड़क मार्ग से रेल मार्ग पर लाने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही हम मालगाड़ियों के लिए समयसारिणी भी लाएंगे। एक समय था जब रेलवे कुल माल परिवहन में से 80 प्रतिशत ढुलाई करती थी, लेकिन समय के साथ उसका यह हिस्सा कम होकर 36 प्रतिशत रह गया। माल का परिवहन सड़क मार्ग में बढ़ता चला गया।