देश में निवेश संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बाजार नियामक सेबी ने खुदरा निवेशकों के लिए शेयरों को रखने के नो-फ्रिल डीमैट खाते अथवा मूल व्यापार खाते का प्रस्ताव किया है जिसमें 50,000 रुपये तक के शेयरों पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
सेबी ने डिपॉजिटरी खाता खोलने वाले संस्थानों से एक अक्टूबर 2012 से इस तरह के खाते खोलने की शुरुआत करने को कहा है।
सेबी के परिपत्र के अनुसार इस तरह के खातों में निवेशक दो लाख रुपये मूल्य तक के शेयर रख सकेंगे लेकिन इसमें 50,000 रुपये से अधिक की राशि पर ही अधिकतम शुल्क 100 रुपये सालाना होगा। इसके अनुसार अगर इन खातों में रखने वाले शेयरों का मूल्य 50,000 रुपये तक होता है तो डीमेट खाते पर सालाना रखरखाव शुल्क नहीं लगेगा।
सेबी ने बैंकों में खोले जाने वाले नो फ्रिल खातों की तर्ज पर यह सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव किया है। छोटे निवेशक अब डिपाजिटरी में मूल ट्रेडिंग खाता यानी नो फ्रिल डीमेट खाता खोलकर उसमें अपने खरीदे गए शेयर, म्यूचुअल फंड के यूनिट और दूसरी प्रतिभूतियां रख सकते हैं।
सेबी ने कहा है कि निवेशकों को ऐसे खातों में उनकी होल्डिंग के बारे में इलेक्ट्रॉनिक स्टेटमेंट नि:शुल्क मिलेगी। बिलिंग चक्र के दौरान कम से कम दो स्टेटमेंट दस्तावेज के रुप में उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके ऊपर कोई भी स्टेटमेंट मंगाने पर 25 रुपये तक का शुल्क लिया जाएगा।
निवेशकों को ऐसे डीमेट खातों से कोई भी निकासी होने पर एसएमएस के जरिये जानकारी दी जाएगी।