भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के व्यावसायियों से भारत में निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत में 10 खरब डॉलर निवेश की संभावना है।
मोदी इस समय यूएई की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने अबु धाबी के कार्बन फ्री मसदर शहर में निवेशकों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए वादा किया कि बीते 34 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यहां दौरा न होने के कारण आई खालीपन की भरपाई की जाएगी। इससे पूर्व तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में यूएई की यात्रा की थी।
मोदी ने कहा कि भारत एवं यूएई के बीच 700 उड़ानें हैं, तब भी एक भारतीय प्रधानमंत्री को यहां पहुंचने में 34 साल लग गए। उन्होंने कहा, 'मैं वादा करता हूं कि ऐसा फिर नहीं होगा।'
उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र में हमें शीत गृह नेटवर्क एवं माल गोदाम नेटवर्क की आवश्यकता है, जहां यूएई के कारोबारियों के लिए अवसर हो सकते हैं। मोदी ने कहा, 'यूएई के व्यावसायियों के लिए भारत में आधारभूत संरचना विकास एवं रियल एस्टेट के क्षेत्र में कई अवसर हैं।'
मोदी ने कहा कि उन्हें यूएई के व्यावसायियों की कुछ समस्याओं के बारे में बताया गया है। उन्होंने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम उन समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।' मोदी ने कहा कि वह वाणिज्य मंत्री को यूएई के निवेशकों की समस्याओं को समझने और उनका हल निकालने के लिए भेजेंगे। उन्होंने कहा, 'यूएई की ताकत और भारत की संभावनाएं मिलकर एशियाई सदी के सपने को साकार कर सकते हैं।' मोदी ने कहा, 'अब सामान्य रूप से यह माना जाने लगा है कि भारत तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। मुझे लगता है कि भारत में विकास के कई अवसर हैं। भारत की 125 करोड़ जनता बड़ा बाजार नहीं, बल्कि महान शक्ति का स्रोत है।'
मोदी के साथ बैठक में यूएई के बड़े कॉरपोरेट घरानों के व्यवसायी शामिल हुए। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, 'यूएई और भारत के नामचीन और अग्रणी उद्योगपतियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की।' मोदी के साथ बैठक में शामिल उद्योगपतियों में एटिसालाट के सीईओ अहमद अब्दुलकरीम जुल्फर और एमार प्रॉपर्टीज के अध्यक्ष मोहम्मद अली अल अब्बार शामिल थे। इससे पहले मोदी ने अबु धाबी में मसदर शहर का दौरा किया, जो स्वच्छ प्रौद्योगिकी का एक केंद्र है।