प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कोई भी कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में देश की विकास दर अनुमानित 6.5 फीसदी से कम रह सकती है।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, "हमारे राजनीतिक आलोचक एक साल के अनुभव की बात करते हैं। यह तस्वीर टेलीविजन के लिए अच्छी हो सकती है, लेकिन यह काफी गलत रूप में पेश की गई तस्वीर है।" उन्होंने कहा, "(हमारी गठबंधन सरकार के पास) जो रिकार्ड हैं, उस पर कोई भी सरकार गर्व कर सकती है।"
यहां औद्योगिक संस्था, एसोचैम की 92वीं वार्षिक आम बैठक को सम्बोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, "जब सबकुछ अच्छा चल रहा हो, तो सरकार को कम से कम हस्तक्षेप करने चाहिए।
अगर स्थितियां ठीक नहीं चलती हैं, जैसा कि अभी लग रहा है, तो यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह आगे बढ़कर इस दिशा में कदम उठाए।" उन्होंने कहा, "हम हर संभव कोशिश करेंगे कि आर्थिक तेजी की वापसी हो। मैं आपमें से हर एक से अपील करता हूं कि नकारात्मक संवेदना से प्रभावित न हों।"
पिछले कारोबारी साल में देश की आर्थिक विकास दर पांच फीसदी रही, जो एक दशक का निचला स्तर है। उन्होंने कहा, "मैं ऐसा कोई अनुमान पेश नहीं करूंगा कि 2013-14 में विकास दर क्या रहेगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल में 2013 के लिए सभी देशों के विकास के पहले जारी अनुमान को घटा दिया है, इन देशों में भारत भी शामिल है। हमने बजट पेश करते समय 6.5 फीसदी विकास दर का लक्ष्य रखा था। लेकिन ऐसा लगता है कि यह उससे कम रहेगी।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक तेजी वापस लाने के लिए अधोसंरचना खड़ी करने तथा निवेश लाने के लिए सरकार सभी तरह के कदम उठा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि समुचित बारिश के कारण कृषि क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन रहेगा और गांवों में मांग बढ़ेगी, जिससे उद्योग का प्रदर्शन सुधरेगा। उन्होंने कहा, "औद्योगिक तेजी नहीं लौटी है। फिर मैं खुशी के साथ यह कहना चाहता हूं कि कृषि बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार दिख रहा है।" उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हमें आशावादी रहना चाहिए और हम रह सकते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। हम व्यापक आर्थिक मोर्चे पर संतुलन स्थापित करने के लिए सभी तरह के कदम उठा रहे हैं।"
सरकार के प्रदर्शन को प्रमुखता से पेश करते हुए सिंह ने कहा कि आठ सालों (2004-05 से 2012-13) में औसत विकास दर 8.2 फीसदी रही। यह दर इससे पहले के आठ सालों में हासिल 5.7 फीसदी से काफी अच्छी है। उन्होंने कहा कि 11वीं योजना में वास्तविक वेतन में सालाना 6.8 फीसदी प्रगति हुई, जबकि इससे पहले के 10 सालों में यह दर 1.1 फीसदी रही। उन्होंने कहा कि 2004-05 से 2011-12 के बीच गरीबी रेखा से नीचे की आबादी दो फीसदी की दर से घटी, जबकि 2004-05 से पहले यह दर 0.75 फीसद थी। उन्होंने कहा, "मेरे खयाल से यह एक रिकार्ड है, जिस पर किसी भी सरकार को गर्व हो सकता है।"