कालाधन रखने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि जो भी धनशोधन गतिविधियों में लिप्त हैं और अपनी काली कमाई को सफेद करने में लगे हैं उन्हें बक्शा नहीं जाएगा. प्रवर्तन एजेंसियां इस तरह के धन का पता लगाने में लगी हुई हैं.
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जो भी धनशोधन (मनी लांड्रिंग) अथवा कालेधन को सफेद करने की गतिविधियों में लिप्त हैं उन्हें बक्शा नहीं जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रवर्तन एजेंसियां इस तरह के धन के स्रोत तक पहुंचने में लगी हैं और आपस में समन्वय के जरिए यह काम कर रही हैं. इसके परिणाम दिखने भी लगे हैं और आने वाले दिनों में यह और स्पष्ट होंगे.’’
सरकार ने कालेधन और आतंकवादियों को धन पहुंचाने की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए आठ नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य करने कर दिया. सरकार ने इसके बाद 29 नवंबर को लोकसभा में कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक 2016 भी पारित किया है जिसमें नोटबंदी के बाद बैंक खातों में जमा राशि पर कर लगाने का प्रावधान किया गया है.
संसद के चालू शीतकालीन सत्र में यह पहला विधायी कार्य हुआ है. नोटबंदी के बाद लगातार विपक्षी दलों के विरोध की वजह से संसद के चालू सत्र में कोई कामकाज नहीं हो पाया.
कराधान संशोधन कानून में नोटबंदी के बाद बैंक खातों में जमा अघोषित राशि पर 50 प्रतिशत की दर से कर, जुर्माना और अधिभार लगाए जाने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा ऐसा धन जिसकी जानकारी नहीं दी जाती है और आयकर तलाशी में उसे पकड़ा जाता है उस पर कर, जुर्माना और अधिभार सहित 85 प्रतिशत तक कर वसूला जाएगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि यह विधेयक इस तरह की रिपोर्टों के सरकार के पास आने के बाद लाया गया कि कुछ लोग 1,000 और 5,00 रुपये के पुराने नोटों को अवैध तरीके से नई मुद्रा में बदलने का प्रयास कर रहे हैं.
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