पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कंपनी दिवालिया एवं ऋण शोधन कार्यवाही का सामना कर रही रूचि सोया के अधिग्रहण से पीछे नहीं हटेगी और सौदा हासिल करने के लिये कानूनी समेत सभी विकल्पों को टटोलेगी. फार्चुन ब्रांड के तहत खाना बनाने का तेल बनाने वाली अडाणी विलमार तथा बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पंतजलि कर्ज में डूबी रूचि सोया के अधिग्रहण की दौड़ में हैं.
अडाणी 6,000 करोड़ रुपये की बोली के साथ सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी है जबकि पंतजलि ने 5,700 करोड़ रुपये की बोली लगायी है. अडाणी विलमार को ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी घोषित करने पर पंतजलि आयुर्वेद ने रूचि सोया के समाधान पेशेवर से स्पष्टीकरण मांगा है.
कंपनी ने अडाणी समूह की बोली में भागीदारी को लेकर पात्रता के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही कंपनी ने इस संदर्भ में अपनाये गये मानदंडों के बारे में जानकारी मांगी है. हरिद्वार की कंपनी ने सिरील अमरचंद मंगलदार को समाधान पेशेवर का कानूनी सलाहकार बनाये जाने पर भी सवाल उठाये. विधि कंपनी अडाणी समूह को पहले से सलाह दे रही है.
बालकृष्णन ने कहा , ‘‘हम जवाब का इंतजार कर रहे हैं. ’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी अदालत जाएगी , ‘‘ हम पीछे नहीं हटेंगे. हम हर कदम उठाएंगे. ’’ पिछले सप्ताह सूत्रों ने कहा था कि समाधान पेशेवर ने पंजजलि के सवालों का जवाब देने के लिये 8 से 10 दिन का समय मांगा है.