अब पेंशन की रकम निकालने के लिए उम्र के साठवें साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। रिटायरमेंट से पहले ही, जरूरत पड़ने पर पेंशन की रकम का कुछ अंश निकाला जा सकेगा। लंबे समय से चली आ रही मांगों को हाल में केंद्र सरकार ने माना और प्रावधान में बदलाव किए। ये बदलाव पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के नियमों के अनुसार किए गए हैं।
दरअसल, केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्ति की योजना के लिए वर्ष 2004 में नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) योजना शुरू की थी। एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना लागू हुई। वर्ष 2009 में इसे निजी क्षेत्र में काम करने वालों के लिए भी खोल दिया गया। किसी भी क्षेत्र में काम करने वाला 18 से 60 वर्ष की आयु तक का कर्मचारी इस योजना में शामिल होगा।
एनपीएस योजना के तहत साठ साल की उम्र तक निवेश में योगदान करना होता है। एनपीएस में निवेश की न्यूनतम राशि छह हजार रुपये है। फिलहाल तीन निवेश फंड का विकल्प है। सरकारी प्रतिभूति फंड, निश्चित आय के साधन और इक्विटी फंड।
निजी क्षेत्र के लिए इक्विटी एक्सपोजर अधिकतम 50 फीसदी है। वह भी सिर्फ इंडेक्स फंड के माध्यम से। साठ साल की आयु पर परिपक्वता की राशि का न्यूनतम 40 प्रतिशत वार्षिक भत्ते के रूप में रखना पड़ता है और बाकी की रकम एकमुश्त दी जाती है। वार्षिक भत्ता एक पेंशन उत्पाद है, जो सामयिक आय प्रदान करता है।