वित्तमंत्री अरुण जेटली कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पास पर्याप्त कैश है. यह पर्याप्त नकदी सिर्फ 30 दिसंबर तक के लिए नहीं है बल्कि इस तारीख के बाद भी इस बाबत कोई कमी नहीं होगी. जेटली ने विमुद्रीकरण से जुड़े मसलों पर मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तस्वीर साफ की और कुछ महत्वपूर्ण ऐलान किए. उन्होंने कहा कि एक ही बार में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट जमा करवाएं. कोई व्यक्ति प्रतिदिन नोट जमा करवाने जाता है तो शक पैदा होता है.
ये हैं अरुण जेटली द्वारा सामने रखी गईं छूटों व पेशकश पर एक नज़र...
2 करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारी अगर डिजिटल ट्रांजैक्शन करेंगे तो उनकी अनुमानित आय 8% के बजाय 6% मानी जाएगी और उन्हें इसी पर टैक्स देना होगा.
2 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले छोटे व्यापारियों के लिए डिजिटल पेमेंट लेने पर 2 फीसदी की टैक्स छूट का ऐलान किया
बैंकों में हो रही गड़बड़ों पर बोले, तमाम सरकारी एजेंसियों के अलावा बैंकों ने अपने स्तर पर भी जांच करवाकर कार्रवाई की है.
एक्सिस बैंक के कर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है. उन्होंने जोर दिया कि आरबीआई के पास पर्याप्त नकदी.
चलन में मौजूद मुद्रा के बारे में जेटली ने कहा कि इसका आंकड़ा 30 दिसंबर को उचित गणना के बाद दिया जाएगा.
छोटे व्यापारी असमंजस में
वित्त मंत्री के ऐलान के बाद छोटे व्यापारी नफा-नुकसान के आकलन में जुटे हैं. दिल्ली के नया बाजार अनाज मंडी के छोटे व्यापारी थोड़े असमंजस में थे. उनमें आशंका है कि 'डिजिटल ट्रांज़ेक्शन से पैसे के लेन-देन का खर्च बढ़ेगा'...और जो रियायत मिली है उसका पूरा फायदा उन्हें नहीं मिल पाएगा.
कई व्यापारियों ने यहां तक कहा कि स्वाइप मशीन उनके पास नहीं है और बैंक जब कैश सबको सही तरीके से नहीं दे पा रहे तो इस परिस्थिति में वे स्वाइप मशीन कैसे मुहैया कराएंगे. चिंता ज्यादा इस बात को लेकर भी है कि नोटबंदी से नया बाजार अनाज मंडी में कारोबार औसतन 30 फीसदी तक घटा है. ऐसे में टैक्स रिबेट से कितना फायदा होगा यह कहना मुश्किल है
यह फैसला ऐसे वक्त पर लिया गया है जब नोटबंदी के छह हफ्ते हो चुके हैं. सरकार को अहसास है कि छोटे व्यापारियों पर नोटबंदी का असर पड़ा है. अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में टैक्स में रियायत का फैसला एक राजनीतिक पहल भी है.
सरकार नोटबंदी के बाद छोटे व्यापारियों की नाराजगी कम करना चाहती है. लेकिन छोटे व्यापारियों के रुख से साफ है कि उन्हें राहत देने के लिए सरकार को कई मोर्चों पर अभी पहल करनी होगी.
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