देशभर में कई संगठनों, संस्थाओं, कंपनियों द्वारा महीने की 7 तारीख को अपने कर्मियों को वेतन दिया जाता है. नोटबंदी के बाद नकदी संकट से जूझ रहे बैंक सिस्टम ने 1 दिसंबर को मची अफरातफरी को कम करने के कई उपाय किए थे बावजूद इसके, संतोषजनक हालात नहीं देखे गए थे. 7 दिसंबर यानी बुधवार को बैंक दूसरे दौर के वेतन भुगतान की तैयारी में जुटे हुए थे क्योंकि कई संगठन अपने कर्मचारियों को वेतन हर महीने की सात तारीख को देते हैं. यह पहले से ही तय माना जा रहा था कि 7 दिसबंर तक नकदी की मांग 80 फीसदी तक बढ़ेगी.
बैंक अधिकारियों के अनुसार दूसरा वेतन बुधवार यानी आज आने वाला है जिससे निकासी के लिये शाखाओं में कतारें बढ़ेंगी. ऐसे में बैंक लोगों की मांग को पूरा करने के लिये व्यवस्था कर रहे हैं. एक्सिस बैंक के कार्यकारी निदेशक राजेश दहिया ने कहा कि बैंक उन शाखाओं में व्यवस्था कर रहे हैं जहां निकासी दबाव है. एटीएम के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हालांकि 95 प्रतिशत एटीएम को नये नोटों के लिहाज से दुरुस्त कर दिया गया है लेकिन लॉजिस्टिक की कमी की वजह से नकदी की कमी है. एटीएम में दिन में केवल एक बार नकदी डाली जा रही है. बैंकों पर दबाव अगले कुछ और समय तक बना रहेगा. वैसे बैंकों ने अपने 70 प्रतिशत एटीएम को नए नोटों के हिसाब से सेट कर लिया है.
कई बैंक शाखाएं अभी भी नकदी की समस्या से जूझ रहे हैं और रिजर्व बैंक द्वारा मंजूर 24,000 रुपये प्रति सप्ताह की सीमा से कम राशि ग्राहकों को निकालने की अनुमति दे रहे हैं. कई जगहों पर अभी लंबी कतारें देखी जा रही हैं क्योंकि अधिकतर एटीएम में नकदी नदारद है. बैंक अधिकारियों के अनुसार वेतन को लेकर भीड़ अगले सात से 10 दिनों तक बनी रहेगी.
एसबीआई के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा कि वेतन और पेंशन के लिये भीड़ अगले 5 से 7 दिनों तक बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि शाखा के स्तर पर सीमित मात्रा में नकद निकासी की अनुमति दी जा रही है ताकि अधिक संख्या में ग्राहकों की जरूरतों को पूरा किया जा सके. बैंक अधिकारियों के अनुसार कुछ बैंक 2,000 रुपये प्रति व्यक्ति दे रहे हैं जबकि जिनके पास नकदी अच्छी है, वे 24,000 रुपये के बजाए 10,000 से 12,000 रुपये प्रति व्यक्ति निकासी की अनुमति दे रहे हैं.
बता दें कि पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी की आठ नवंबर की घोषणा के बाद अपने पहले वेतन के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बैंकों तथा एटीएम बूथों के बाहर 1 दिसंबर को सुबह से ही लोगों की लंबी कतार लग गई थी. लोगों ने एटीएम में रुपये नहीं होने और बैंकों में लंबे इंतजार के बाद भी कम रुपये देने की शिकायत की. उन्होंने कई एटीएम के काम नहीं करने की भी शिकायत की. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एसएस मुंद्रा के नेतृत्व में पिछले महीने ही एक क्रैक टीम का गठन किया गया था जो सैलरी मिलने के बाद एटीएम और बैंकों में लगने वाली लंबी लाइनों की समस्या से निपटने के प्लान पर काम कर रही थी. इसने चर्चा के बाद एक्शन प्लान भी बनाया जो 7 दिसंबर तक सैलरी क्लास के मुताबिक नकदी मुहैया करवाने की कोशिशें कर रही थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले आंकड़ों के आधार पर अनुमान लगाया गया कि कितने नोटों की जरूरत इस दौरान होगी. जिस इलाके में जितने पैसे निकाले जाते हैं, इसी कैलकुलेशन के आधार पर नकदी भेजी जाएगी.
(भाषा से भी इनपुट)