केंद्र सरकार के ऊंचे मूल्य वाले नोटों को चलन से बाहर करने के फैसले के बाद से महाराष्ट्र में स्टांप फीस कलेक्शन में 37 प्रतिशत की कमी आई है. स्टांप नियंत्रक एवं पंजीकरण महानिरीक्षक एन. रामास्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद दस दिनों में महाराष्ट्र में स्टांप शुल्क संग्रहण में पहले ही 37 प्रतिशत की कमी आई है.
उन्होंने कहा राज्य सरकार को आमतौर पर संपत्ति पंजीकरण शुल्क और स्टांप शुल्क से रोजाना 65 करोड़ रुपये की आय हुआ करती थी जो अब घटकर 42 करोड़ रुपये रह गई है. उन्होंने कहा, ‘यद्यपि अधिकतर लेनदेन गणन तालिका (रेडी रेकनर) के अनुरूप किए जाते हैं और स्टांप शुल्क एवं भुगतान डिजिटल या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से होते हैं लेकिन फिर भी संग्रहण में कमी आई है.’
रामास्वामी ने कहा कि आमतौर पर राज्यभर के पंजीकरण कार्यालय प्रतिदिन 7300 दस्तावेजों को परखते हैं लेकिन अब यह संख्या घटकर 4000 दस्तावेज रह गई है.