वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि सरकार स्विट्जरलैंड को वहां के बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा कालेधन का ब्योरा शीघ्रतापूर्वक उपलब्ध कराने के लिए लिखेगी।
स्विट्जरलैंड के एक अधिकारी ने रविवार को कहा था कि कुछ व्यक्तियों और इकाइयों के नामों की जानकारी भारत को दी जा रही है जो वहां के अधिकारियों की जांच के घेरे में हैं। इसके एक दिन बाद वित्तमंत्री ने आज यह बयान दिया है।
जेटली ने कहा कि उनके मंत्रालय को इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है।
जेटली ने यहां कहा ''हम आज अपनी ओर से स्विट्जरलैंड सरकार को पत्र लिख रहे हैं जिसके साथ मंत्रालय संपर्क है ताकि सरकार के पास जो भी सूचना है उसे प्रदान करने में शीघ्रता बरती जाए और वहां की स्विट्जरलैंड के अधिकारियों व भारत सरकार के बीच सहयोग का लाभप्रद नतीजा निकले। हमारी ओर से आज ही पत्र भेजा जाएगा।''
जेटली स्विस बैंकों में कथित तौर पर भारतीयों द्वारा जमा काले धन से जुड़े मामले पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा ''मीडिया के विभिन्न हलकों में स्विट्जरलैंड के अधिकारियों के हवाले से खबर आई है वे भारत सरकार को उन भारतीयों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के संबंध में सक्रियता से सहयोग करना चाहते हैं जिनके खाते वहां के बैंकों में हैं।''
स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक एसएनबी द्वारा प्रकाशित ताजा आंकड़ें के मुताबिक यहां के विभिन्न बैंकों में जमा भारतीय धन 2013 में 43 प्रतिशत बढ़कर 14,000 करोड़ रुपये हो गया जिसमें सीधे तौर पर भारतीय ग्राहकों द्वारा रखा गया धन और संपत्ति प्रबंधकों के जरिये जमा की गई राशि शामिल हैं।
कालेधन को वापस लाने के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने अपने कार्यकाल के पहले दिन ही काले धन की पता लगाने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
न्यायमूर्ति एमबी शाह की अध्यक्षता वाली एसआईटी की पहली बैठक 2 जून को हुई। इस दल के अन्य सदस्यों में उच्चतम न्यायालय एक अन्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरिजित पासायत को उपाध्यक्ष हैं। इनके अलावा इस दल में राजस्व सचिव, केंद्रीय जांच ब्यूरो, खुफिया विभाग, रॉ और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष और भारतीय रिजर्व बैंक के एक डिप्टी गवर्नर भी शामिल हैं।
एसआईटी दायरे में वे सभी मामले शामिल होंगे जिनकी जांच शुरू की जा चुकी है और जो लंबित हैं या जिनकी जांच शुरू होनी बाकी है या फिर जिनकी जांच पूरी हो चुकी है।
भारत उन 36 देशों में शामिल है जिनके साथ स्विट्जरलैंड ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक कर संबंधी मामलों की जांच में आधिकारिक स्तर पर सहयोग के संबंध में संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं।