रुपये में गिरावट से फैली चिंता के बावजूद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार न तो आर्थिक नीतियों में सुधार की प्रक्रिया वापस लेगी और न ही घरेलू मुद्रा को संभालने के लिए पूंजी की आवाजाही पर नियंत्रण लगाएगी। मनमोहन ने कहा कि रुपया घरेलू और वैश्विक स्तर के कई कारकों के चलते गिरा है।
अर्थव्यवस्था की स्थिति के संबंध में प्रधानमंत्री ने संसद में एक बयान में कहा कि देश को अल्पकालिक झटकों के लिए तैयार रहना चाहिए, पर उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि अर्थव्यवस्था की बुनियादी मजबूत बनी रहे। प्रधानमंत्री ने सभी राजनैतिक दलों से मौजूदा हालात में निपटने में सहयोग की अपील करते हुए कहा, हमारे सामने चुनौतियां जरूर हैं, लेकिन हम उनसे निपटने का दम भी रखते हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ रुपये ही नहीं, अन्य मुद्राओं में भी गिरावट आई है और सीरिया संकट की वजह से भी हालात बिगड़े हैं। रुपये में गिरावट के लिए अंतरराष्ट्रीय कारकों के साथ ही घरेलू कारकों के भी हाथ हैं। बढ़ते चालू घाटे का भी रुपये पर असर हो रहा है, लेकिन इसे कम करने की कोशिशें जारी हैं।
प्रधानमंत्री ने सोने का आयात घटाने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने भरोसा जताया कि अच्छे मॉनसून से विकास दर बढ़ने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधार के मोर्चे पर कुछ कड़े फैसले लिए जाने की जरूरत है, लेकिन इसके लिए राजनीतिक आम सहमति जरूरी है।
उन्होंने साथ ही अंतरराष्ट्रीय विदेशी मुद्रा बाजार में देश की मुद्रा के प्रति अविश्वास दूर करने के लिए आश्वस्त किया कि पूंजी नियंत्रण जैसी कोई बात नहीं होगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, हमें सोने के लिए अपनी भूख को कम करने की जरूरत है... पेट्रोलियम उत्पादों के किफायती इस्तेमाल को बढ़ावा देने की जरूरत है और अपने निर्यात को बढ़ाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है, लेकिन साथ ही रुपये में गिरावट से कुछ हद तक लाभ भी होता है, क्योंकि इससे निर्यात प्रतिस्पर्धी हो जाता है।
प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 फीसदी तक सीमित करने के लिए हरसंभव कोशिश की जाएगी और विकास दर में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस वित्तवर्ष में चालू खाते का घाटा कम करके 70 अरब डॉलर तक लाने का भरोसा है।
वहीं प्रधानमंत्री के बयान देने के बाद बीजेपी के सदस्य सदन से वॉक आउट कर गए। बीजेपी पीएम के बयान से संतुष्ट नहीं है और उसे लगता है कि पीएम का बयान कोरी बातें हैं। सदन से बाहर आकर बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि लोकसभा में पीएम का बयान काफी निराशाजनक है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)