नीति आयोग ने देश की अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार देने लिए 300 विशेष कदम सुझाए हैं. आयोग की रविवार को आयोजित संचालन परिषद की बैठक में ये सुझाव रखे गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई परिषद की तीसरी बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने एक प्रस्तुति के माध्यम से इन कार्य बिंदुओं को रखा. हालांकि इस कार्ययोजना का ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि ये कार्य बिंदु 15-वर्षीय दीर्घकालिक विकास की परिकल्पना के साथ-साथ सात-वर्षीय रणनीति और तीन-वर्षीय कार्य एजेंडा का हिस्सा हैं.
पनगढ़िया ने बैठक में कार्ययोजना का मसौदा रखा. इसे राज्यों की सलाह के आधार पर तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि 300 विशेष कार्य बिंदुओं की पहचान की गई है, जो सभी क्षेत्रों के लिए कारगर होंगे. 'कार्य एजेंडा' की अवधि 14वें वित्त आयोग की अवधि के बराबर है और इससे केंद्र और राज्यों के आकलनों के अनुसार कोष जारी करने में स्थिरता मिलेगी.
पनगढ़िया ने इस दृष्टिपत्र पर आगे काम करने के लिए राज्यों से जानकारी और समर्थन भी मांगा है. इस मौके पर आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा इत्यादि क्षेत्रों में राज्यों के सहयोग से अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए किए गए काम की सराहना की. उन्होंने मुख्यमंत्रियों के उप-समूहों के काम के बारे में भी बात की, जो केंद्र द्वारा वित्तपोषित स्वच्छ भारत और कौशल विकास जैसी योजनाओं के तार्किकरण के लिए बनाए गए थे.
कांत ने कृषि, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल भुगतान, विनिवेश, तटीय क्षेत्र एवं द्वीपीय विकास इत्यादि क्षेत्रों में की गई पहलों का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग राज्यों के साथ मिलकर आधारभूत सेवाओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बेहतर करने के लिए काम करेगा खासकर के उन जिलों और क्षेत्रों में जहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है. बैठक में शामिल हुए राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी पर एक प्रस्तुति दी और मुख्यमंत्रियों से राज्य जीएसटी अधिनियम को बनाने में तेजी लाने का अनुरोध किया.
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