केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने करदाताओं की शिकायतों के बाद एक नया साफ्टवेयर तैयार किया है, जिसे इस्तेमाल करना आसान है। करदाताओं ने डिजिटल हस्ताक्षर वाले आयकर रिटर्न दाखिल करने में दिक्कतों की शिकायत की थी।
करदाताओं का कहना था कि अपने आयकर रिटर्न अपलोड करते समय उन्हें डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणन के इस्तेमाल में दिक्कत होती है।
सीबीडीटी ने कहा है, 'यह दिक्कत ब्राउजर के नए संस्करणों और उनके सुरक्षा संबंधी प्लग इन व्यवस्था के कारण है। इन दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए तथा डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणन (डीएससी) सहित आयकर रिटर्न अपलोड करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक नई सॉफ्टवेयर इकाई विकसित की गई है, जिसे करदाता के कंप्यूटर पर डाउनलोड करना होगा। डीएससी के इस्तेमाल के लिए इसका उपयोग करना होगा।
उल्लेखनीय है कि भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जहां डिजिटल हस्ताक्षर कानून है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में आईटीआर की ई-फाइलिंग में 27.22 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई।