बाढ़ प्रभावित केरल के लिए विदेशी सरकारों से सहायता स्वीकार करने को लेकर जारी विवाद के बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा 2016 में तैयार एक दस्तावेज में कहा गया है कि यदि कोई दूसरा देश सद्भावना के रूप में किसी तरह की मदद की पेशकश करता है, तो केंद्र सरकार उसे स्वीकार कर सकती है.
एनडीएमए के प्रकाशन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (एनडीएमपी) में कहा गया है हालांकि,जहां तक नीति का मामला है भारत सरकार किसी आपदा की स्थिति में विदेशी सहायता के लिए अपील जारी नहीं करती है. एनडीएमपी में कहा गया है, ‘यदि दूसरे देश की कोई राष्ट्रीय सरकार स्वैच्छिक रूप से सद्भावना के रूप में सहायता की पेशकश करती है तो केंद्र सरकार उसे स्वीकार कर सकती है.’
इस हैंडबुक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के संदेश हैं. एनडीएमपी कहता है कि गृह मंत्रालय को इस मामले में विदेश मंत्रालय के साथ तालमेल करने की जरूरत होती है. दस्तावेज में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों से सहायता की पेशकश पर भारत तभी उसे स्वीकार करेगा जबकि विभिन्न कारकों को देखते हुये सरकार को लगता है कि यह जरूरी है.
एनडीएमपी को लेकर जब सवाल पूछा गया तो गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘फिलहाल मौजूदा स्थिति में गृह मंत्रालय के पास कहने के लिये कुछ नहीं है.’