मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा है कि उसने गुजरात में दूसरा संयंत्र लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी ने राज्य में 600 एकड़ भूमि का और अधिग्रहण किया है। कंपनी राज्य में पहला संयंत्र लगाने के लिए पहले ही 4,000 करोड़ रुपये के निवेश योजना पर काम कर रही है।
कंपनी ने कहा कि उसे चालू वित्त वर्ष के दौरान वाहनों की बिक्री में करीब छह प्रतिशत वृद्धि के बाद अगले वित्त वर्ष में छह-सात प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है।
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी ने यह भी कहा कि वह भारत में यात्री कारों की प्रीमियम श्रेणी में प्रवेश नहीं करेगी और एक छोटी कार विनिर्माता की अपनी छवि ‘बनाए’ रखेगी।
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बताया, गुजरात में दो स्थानों पर हमारे पास जमीन है। पहली भूमि की पेशकश सरकार द्वारा की गई, जबकि दूसरी निजी भूमि है, जिसका अधिग्रहण सरकार की कुछ बातचीत के बाद सीधे हमने किया। उन्होंने कहा कि कंपनी ने करीब 600 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है, जो मेहसाणा के निकट पहली भूमि से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है।
भार्गव ने कहा, दूसरा स्थान हमारे भावी विस्तार के लिए है। पहले संयंत्र में क्षमता पूरी होने पर हम दूसरी जगह जाएंगे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कंपनी दूसरे स्थान पर संयंत्र का निर्माण कब शुरू करेगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी हरियाणा से ध्यान हटा रही है, भार्गव ने कहा, हम हरियाणा छोड़कर नहीं जा रहे हैं। राज्य में हमारे दो संयंत्र हैं और गुड़गांव व मानेसर में क्षमता का पूर्ण इस्तेमाल करने के बाद हम गुजरात जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी गुजरात संयंत्र के लिए भूमि पूजन अगले साल की शुरुआत में करेगी। मारुति सुजुकी इंडिया ने गुजरात में 700 एकड़ भूमि पर एक संयंत्र लगाने की घोषणा इस साल की शुरुआत में की थी जिसमें वह 4,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
इसके अलावा, कंपनी को कल.पुर्जे की आपूर्ति करने वाली कंपनियों द्वारा भी अपने संयंत्रों की स्थापना पर इतना ही निवेश किए जाने की संभावना है। पहले चरण में संयंत्र की क्षमता सालाना ढाई लाख कारों की होगी।
देश में कार बाजार की वृद्धि के बारे में भार्गव ने कहा चालू वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि 6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है और अगले वित्त वर्ष में भी इसके इसी के आसपास रहने की संभावना है।
कारों के निर्यात के बारे में पूछे जाने पर कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ शिंजो नाकानिशी ने कहा कि यूरोपीय बाजारों में गिरावट के चलते इसमें मुश्किलें आ रही हैं। पिछले साल हमने कुल 1.27 लाख कारों का निर्यात किया, जबकि इस साल यह कुछ कम रहने की आशंका है। यूरोप में मंदी है और यही हमारा बड़ा निर्यात बाजार रहा है। नाकानिशी ने कहा कि कंपनी नए निर्यात बाजारों की तलाश कर रही है। श्रीलंकाई बाजार के बारे में उन्होंने कहा कि वहां शुल्क बढ़ जाने निर्यात में 50 प्रतिशत तक गिरावट आई है।